दिल्ली/पटना: कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) किसानों को लेकर बेहद उदासीन हो चुके हैं. प्रधानमंत्री 15 किलोमीटर दूर बैठे किसानों से मिलने का समय नहीं निकाल रहे हैं जबकि प्रचार और अन्य कामों के लिए पूरी सरकार लगी है.


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सुरजेवाला के मुताबिक, क्या सरकार ने 3 दिसंबर का दिन किसी ज्योतिषि से पूछ कर तय किया है कि जिस दिन किसानों से बातचीत की जा सके. सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी के नेता और कुछ मुख्यमंत्री किसान आंदोलन को दूसरा रंग देने में जुटे हैं, जिसमें वह कभी कामयाब नहीं होंगे.


कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि इतिहास गवाह है जब भी देश की सत्ता ने किसानों से लोहा लिया है तो किसानों ने तख्तापलट करने में बड़ी भूमिका निभाई है. दरअसल, कृषि कानून के विरोध  राजस्थान, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पंजाब के किसान आंदोलनरत हैं. 


बता दें कि केंद्र के नए कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे पंजाब के किसानों ने (Farmers Protest) ने शांतिपूर्ण धरने के लिए बुराड़ी के मैदान में जाने की सरकार की अपील खारिज कर दिया है. किसानों ने कहा कि वे सिंघु बॉर्डर से नहीं उठेंगे, यदि सरकार को बातचीत करनी है तो वह यहीं आकर बात करें. 


वहीं, पिछले दो दिनों से सिंघु बॉर्डर पर जमे पंजाब के किसानों ने कहा कि सरकार यदि मसले का निपटारा चाहती है तो वह खुद बातचीत करने के लिए यहां आए और उनकी मांगों को हल करने का लिखित वायदा करें. किसानों ने अड़ियल रूख अपनाते हुए कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वे भी सिंघु बॉर्डर से नहीं हटेंगे. 


इससे पहले दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर पश्चिमी यूपी के सैकड़ों किसानों के साथ जमी भारतीय किसान यूनियन ने भी बुराड़ी मैदान जाने से इनकार कर दिया. यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि राजधानी में अब तक हुए सभी बड़े धरने-प्रदर्शन जंतर-मंतर या रामलीला मैदान में हुए हैं. बुराड़ी मैदान में आज तक कोई प्रदर्शन नहीं हुआ. फिर सरकार किसानों को बुराड़ी के मैदान में भेजने पर क्यों अड़ी है. 


गौरतलब है कि विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसानों के दिल्ली सीमा का घेराव किए जाने पर गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को बड़ा बयान दिया. उन्होंने किसानों से दिल्ली में बुराड़ी के निर्धारित ग्राउंड में शिफ्ट होने की अपील की. शाह ने आश्वासन दिया कि बुराड़ी ग्राउंड में किसानों के शिफ्ट होने के दूसरे ही दिन सरकार उनकी मांगों पर चर्चा करने के लिए तैयार है. लेकिन किसानों ने अब सरकार की मांग को ठुकरा दिया है.