लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि झारखंड में योग दिवस के मौके पर आना एक सुखद अनुभव है. साथ ही उन्होंने योग दिवस के लिए रांची को चुनने का कारण भी बताया.
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रांची : विश्व योग दिवस पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रांची के प्रभात तारा मैदान में आयोजित योगाभ्यास कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान झारखंड के राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री रघुवर दास, आयुष मंत्री श्रीपद नाइक सहित हजारों के संख्या में आम लोग मौजूद थे. इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने देश को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि आज यह प्रभात तारा मैदान विश्व के मानचित्र पर चमक रहा है. आज लाखों लोग देश और दुनिया के अलग-अलग जगहों पर योग कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने मीडिया की भूमिका की भी सराहना की.
लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि झारखंड में योग दिवस के मौके पर आना एक सुखद अनुभव है. साथ ही उन्होंने योग दिवस के लिए रांची को चुनने का कारण भी बताया. प्रधानमंत्री ने कहा कि रांची के साथ मेरा लगाव तो है ही साथ ही झारखंड में नाम में ही जंगल है. जंगल प्रकृति के सबसे करीब है. साथ ही उन्होंने बताया कि रांची से ही उन्होंने आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी. जो कि बहुत कम समय में गरीबों के लिए संबल बनी है.
PM in Ranchi: I thank ppl across the world for joining #InternationalDayofYoga celebrations. World over,the first rays of the Sun are being welcomed by dedicated Yoga practitioners, it's a beautiful sight. I urge you all to embrace Yoga&make it integral part of your daily routine pic.twitter.com/yeyhGKTEYl
— ANI (@ANI) June 21, 2019
पीएम मोदी ने कहा, 'भारतीयों को संबल बनाने में योग के महत्व को समझते हैं. इसलिए रांची आना मेरे लिए विशेष है. योग को अब एक अलग स्तर पर ले जाना है. योग हमारे देश में सदैव रहा है. हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है. झारखंड के छऊ नृत्य में आसन और मुद्राओं का प्रदर्शन होता है, लेकिन अभी भी आधुनिक योग की यात्रा गांव तक नहीं पहुंची है. हमें योग को हर लोगों तक ले जाना है. मुझे योग को गरीब और आदिवासी के जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाना है.'
उन्होंने कहा कि योग सिर्फ तभी नहीं होता जब हम आधा घंटा जमीन या मैट पर होते हैं. योग अनुशासन है. योग का पालन पूरे जीवन भर करना होता है. योग जाति, संप्रदाय, मत, पंथ, सीमा के भेद से पड़े हैं. योग सबका है और सब योग के हैं. बीते पांच वर्षों में योग को सरकार ने हेल्थ केयर बनाने का प्रयास किया है. आज भारत में योग के प्रति जागरुकता बढ़ी है. आज चारों तरफ योग को अनुभाव किया जा सकता है.