यहां आपको वैवाहिक जीवन बिताने के लिए खाकी को सौंपना होगा 50 हजार रुपए का नजराना
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यहां आपको वैवाहिक जीवन बिताने के लिए खाकी को सौंपना होगा 50 हजार रुपए का नजराना

इस आरोप के तहत दारा सिंह और उसके दोस्त कंडे हेम्ब्रम को जेल भेजा जायेगा. घरवाले डर गए और यहीं से मामले में रिश्वतखोरी का तोलमोल शुरू हुआ. बात पच्चास हजार रुपये में मान ली गयी.

यहां आपको बिताना है वैवाहिक जीवन तो खाकी को देना होगा 50 हजार रुपए का नजराना. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

चाईबासा: झारखंड में नए डीजीपी ने आते के साथ कहा है कि पुलिस अपनी कार्यशैली बदले, जनता का सेवक बनकर काम करे. लेकिन खाकी में कुछ लोग ऐसे हैं जो खुद को बदलना ही नहीं चाहते. इसके कारण पूरी पुलिस बदनाम हो जाती है. ऐसा ही एक मामला किरीबुरू से आया है.

किरीबुरू में खाकी पर कलंक लगा है. खाकी पर प्रेमी जोड़े का शादी करने के एवज में पच्चास हजार रुपये रिश्वत लेने का आरोप है. मामला तब खुला जब किरीबुरू डीएसपी के पास जाकर पीड़ित प्रेमी जोड़ा और प्रेमी के घरवालों ने पूरे मामले की जानकारी दी.

दरअसल, किरीबुरू के दारा सिंह हेंब्रम नामक एक युवक ने इंदु बोदरा नामक एक लड़की से भाग कर शादी की थी. उसके बाद लड़की को किरीबुरू में अपने घर में लाकर दोनों दंपत्ति की तरह रह रहे थे.

इसी दौरान प्रेमिका इंदु बोदरा के घरवालों की शिकायत पर किरीबुरू थाना प्रभारी संतोष गुप्ता ने देर रात दारा सिंह और उसके दोस्त कंडे हेम्ब्रम के घर जाकर दोनों को घर से उठा कर थाना ले आयी.

दूसरे दिन किरीबुरू थाना प्रभारी ने दारा सिंह के घरवालों को थाना बुलाया. थाना प्रभारी ने घरवालों को कहा कि विवाह किये बगैर लड़की को जबरन घर में रखने का दारा सिंह पर आरोप है. इस आरोप के तहत दारा सिंह और उसके दोस्त कंडे हेम्ब्रम को जेल भेजा जायेगा. घरवाले डर गए और यहीं से मामले में रिश्वतखोरी का तोलमोल शुरू हुआ. बात पच्चास हजार रुपये में मान ली गयी.

दारासिंह के घरवालों ने 30 हजार और कंडे हेम्ब्रम ने 20 हजार अलग अलग देकर थाना प्रभारी संतोष गुप्ता की रिश्वत की भूख मिटाई.

इसके बाद किरीबुरू थाना के हाजत में बंद दारासिंह सिंह को रिहा कर दिया गया और कहा गया कि अब दारा सिंह और कंडे हेम्ब्रम रिहा हैं. प्रेमिका के साथ वैवाहिक जीवन बिता सकता है. कोई दिक्कत नहीं है. इस मामले के बाद पीड़ित परिवार ने डीएसपी हीरालाल रवि से संपर्क कर आपबीती बतायी. किरीबुरू डीएसपी ने मामले को गंभीरता से लिया और मामले में थाना प्रभारी से भी जानकारी ली.

पूरे मामले की जांच के बाद डीएसपी ने पूरी रिपोर्ट चाईबासा जिला पुलिस कप्तान इन्द्रजीत महथा को भी दे दी है. माना जा रहा है कि थाना प्रभारी पर विभागीय कार्रवाई तय है और पुलिस की यह भी कोशिश है कि पीड़ित को उनका पैसा वापस लौटा दिया जाए. 

इस मामले में ना तो आरोपी पक्ष थाना प्रभारी संतोष गुप्ता अपने बचाव में कुछ कह रहे हैं और ना ही डीएसपी और एसपी इस पर कैमरे के सामने बोलने को तैयार हैं. साफ है दाग खाकी पर लगा है इसे धोने की कोशिश पहले हो रही है.