बिहार: पुलिस सप्ताह का आगाज, चुनाव-VIP गतिविधि पर दी जाएगी खास ट्रेनिंग
6 दिनों तक चलने वाले कार्यक्रम में कई इंडोर और आउटडोर एक्टिविटिज होंगे. लेकिन सबसे ज्यादा फोकस जिन एक्टिविटीज पर होगी उनमें चुनाव और वीआईपी मूवमेंट की सुरक्षा व्यवस्था है.
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पटना: बिहार पुलिस सप्ताह का शुक्रवार को आगाज हुआ. 6 दिनों तक चलने वाले कार्यक्रम में कई इंडोर और आउटडोर एक्टिविटिज होंगे. लेकिन सबसे ज्यादा फोकस जिन एक्टिविटीज पर होगी उनमें चुनाव और वीआईपी मूवमेंट की सुरक्षा व्यवस्था है. पुलिस सप्ताह के दौरान छोटे स्तर के पुलिसकर्मियों को भी विशेष सतर्क रहने का प्रशिक्षण दिया जाएगा.
शुक्रवार से शुरू हुए पुलिस सप्ताह में वीआईपी सुरक्षा का मुद्दा छाया रहेगा. जल्द होनेवाले लोकसभा चुनाव को लेकर वीआईपी नेताओं के बिहार दौरे पर निचले स्तर की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी. इस बात की जानकारी डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने दी है. बिहार पुलिस सप्ताह उद्घाटन के मौके पर पहुंचे डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय और मुख्य सचिव दीपक कुमार ने अपने विचार रखे.
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि पुलिस सप्ताह में 3 दिनों का इंडोर कार्यक्रम और 3 दिनों का आउटडोर कार्यक्रम भी होगा. इसके अलावा साइबर अपराध, स्पीडी ट्रायल, चुनाव प्रबंधन और वीआईपी सुरक्षा को मुख्य मुद्दा बनाया गया है. 24 तारीख को आईपीएस अधिकारियों को फायरिंग प्रैक्टिस का मौका दिया जाएगा. 27 तारीख को छात्र-पुलिस संवाद भी होगा ताकि छात्रों के बीच हथियार रखने की प्रवृत्ति खत्म हो सके.
डीजीपी ने कहा कि चुनाव प्रबंधन और वीआईपी सुरक्षा पुलिस सप्ताह का मुख्य विषय होगा. लोकसभा चुनाव जल्द होनेवाले हैं और इस दौरान देश के कई वीआईपी लोगों का दौरा बिहार में होगा जिन्हें सुरक्षा देना महत्वपूर्ण मुद्दा है. डीजीपी ने कहा वीआईपी सुरक्षा को लेकर निचले स्तर के पुलिसकर्मियों को ज्यादा अलर्ट रहने की जरुरत है.
चुनाव में अपराध और अपराधियों पर नकेल कसना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है. साथ ही निष्पक्ष चुनाव कैसे संपन्न हो इसकी जानकारी देना पुलिसकर्मियों को बेहद जरुरी है. डीजीपी ने कार्यक्रम के दौरान बताया कि बीते साल पुलिस की सक्रियता के कारण ही 5926 स्पीडी ट्रॉयल हुए जिसमें 5 अपराधियों को फांसी भी हुई.
साथ ही उन्होंने कहा कि 1334 अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा हुई है और 600 अपराधियों को 10 साल से अधिक की सजा हुई. सीनियर पुलिस पदाधिकारियों की कोशिश होनी चाहिए कि पुलिस पदाधिकारियों की क्षमता का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल हो सके. बिहार पुलिस सप्ताह के दौरान 1000 से ज्यादा बेहतर प्रदर्शन करने वाले पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया जाएगा.
इधर कार्यक्रम में मौजूद मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सुझाव दिया कि बिहार पुलिस सप्ताह महज खानापूर्ति बनकर न रह जाए ये ध्यान रखना होगा. मुख्य सचिव ने कहा कि बिहार पुलिस स्प्ताह के दौरान महिला संगठन, चैम्बर ऑफ कॉमर्स जैसे संस्थाओं को भी शामिल किया जाना चाहिए. जिला स्तर पर भी पुलिस सप्ताह मनाई जाय ताकि लोगो से ज्यादा से ज्यादा पुलिस इंटरैक्ट हो सकें.
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