बिहार में इस साल विधानसभा के चुनाव होने हैं. ऐसे में अतिपिछड़े वोटरों को लुभाने के लिए सियासी पार्टियां जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती मना रहे हैं.
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पटना: बिहार में 24 जनवरी की अहमियत राजनीतिक रूप से पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है. इस दिन पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की जयंती के बहाने राजनीतिक दलों में उनकी विरासत पर दावा जताने की आपसी होड़ सी लगी हुई है.
दरअसल, बिहार में इस साल विधानसभा के चुनाव होने हैं. ऐसे में अतिपिछड़े वोटरों को लुभाने के लिए सियासी पार्टियां जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती मना रहे हैं. कर्पूरी ठाकूर की जयंती पर सभी दलों ने बड़ा राजनीतिक सम्मेलन का आयोजन किया है.
जेडीयू जहां पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में बड़ा कार्यक्रम कर रही है. वहीं, बीजेपी अपने प्रदेश मुख्यालय में इसे मनाने की तैयारी कर रही है. दूसरी तरफ आरजेडी प्रदेश मुख्यालय में कार्यक्रम का आयोजन करेगी.
वहीं, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) इसका आयोजन आइएमए सभागार में तो वीआईपी (VIP) अपने प्रदेश कार्यालय में मना रही है. इधर, पप्पू यादव के नेतृत्व वाली जन अधिकार पार्टी (JAP) ने गुरुवार को ही जयंती मना लिया है.
इन सब के बीच आरएलएसपी (RLSP) इस जयंती को बिहार सरकार के नीतियों के खिलाफ मानव कतार लगाकर मना रही है. बता दें कि बिहार में कर्पूरी ठाकुर की पहचान अतिपिछड़ों के बड़े नेता के रूप होती है. यहां अतिपिछड़ों में करीब 105 जातियां हैं. वोट के लिहाज से इनकी हिस्सेदारी राज्य में करीब 35 फीसदी है.
2010 और 2015 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव में अतिपिछड़ों ने वोट की ताकत दिखाई और इसी ताकत के फायदे के लिए सभी राजनीतिक दल अतिपिछड़ा समुदाय को लुभाना चाहते हैं.
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा की समाजिक न्याय की लड़ाई कर्पूरी जी ने आरंभ किया था और उसको निर्णायक अंत पर पहुंचाने का काम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने किया. साथ ही अतिपिछड़ों को कर्पूरी जी का चेहरा नीतीश कुमार में दिखता है, इसीलिए पूरी पार्टी सक्रिय है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे. इसमें जेडीयू कोटे के सभी मंत्री कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे.
वहीं, बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर की जब सरकार थी और आरक्षण लागू किया गया था उस सरकार का समर्थन जनसंघ ने किया था. वीपी सिंह की सरकार ने केंद्र में आरक्षण लागू किया तो बीजेपी उसका समर्थन कर रही थी. आज मोदी जी की सरकार ने ओबीसी (OBC) कमीशन को सवैधानिक दर्जा दिया है, जबकि दलित पिछड़ों को वोट बैंक के रूप में आरजेडी ने उपयोग किया है, लेकिन उनके लिए कोई काम नहीं किया है. उन्होंने कहा कि आरजेडी को कर्पूरी ठाकुर का नाम लेने का अधिकार नहीं है.
इधर, आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह ने बिहार सरकार पर आरोप लगाया है कि पैसा जमा करने के बाद भी बड़े स्थान कार्यक्रम करने के लिए नहीं मिला है, इसलिए अब आरजेडी कर्पूरी ठाकुर की जयंती कार्यालय में मनाए गई. उन्होंने कहा कि लालू यादव ने कर्पूरी ठाकुर के आदर्शो को लेकर गरीबों का उथान किया.
वहीं, बीजेपी पर निशाना साधते हुए जगदानन्द सिंह ने कहा भारतीय जनता पार्टी ने ही कर्पूरी ठाकुर को कुर्सी से उतारा. उन्होंने कहा कि वीपी सिंह ने जब कर्पूरी ठाकुर के कुछ जो बचे हुए काम थे तो उसको पूरा करना चाहा तो उस समय भी बीजेपी ने अड़चन लगाया और मंडल कमीशन को लागू नहीं होने देने की लड़ाई लड़ी.
जगदानन्द सिंह ने कहा कि और बीजेपी दंगाई है और भारतीय जनता पार्टी के लोग ऐसी बातें नहीं करें. साथ ही हमें इनसे प्रमाण पत्र की कोई आवश्यकता नहीं है. वहीं, वीआईपी (VIP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने कहा की कर्पूरी ठाकुर की विचारधारा को जो पार्टिया बढ़ाने की बात करती हैं, वह विचारधारा को कुचलने का काम कर रही हैं. जिस समाज से कर्पूरी ठाकुर थे उसी समाज से वह आता हैं.
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने 50 से अधिक जातियों को अतिपिछड़ा में जोड़ दिया लेकिन कोटा नहीं बढ़ाया. उन्होंने कहा कि वीआईपी पार्टी कर्पूरी के सपनो को सकार करेगी. वहीं, आरएलएसपी (RLSP) कर्पूरी ठाकुर के जयंती पर पूरे प्रदेश में मानव कतार लगाएगी. यह मानव श्रृंखला बिहार सरकार के नीतियों के खिलाफ होगी. इसको लेकर पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि कर्पूरी की जयंती पर हर पार्टी राजनीती कर रही हैं. कुछ ही पार्टिया हैं जो वह उनके मुद्दों को उठाना चाहती हैं.