उन्होंने कहा कि बीजेपी की नीयत रही है मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं हैं. अब फैसला चिराग पासवान को ही करना है कि वो कौन सी राह चुनते हैं.
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पटना: बिहार में चुनावी मौसम के बीच सियासी गलियारों में बयानबाजियों का दौर जारी है. इस बीच बीजेपी के एमएलसी संजय पासवान के बयान के बाद विपक्षी दलों ने चुटकियां लेनी शुरू कर दी है. कांग्रेस के नेता आनंद माधव ने कहा कि एनडीए में कुर्सी के लिए महाभारत मची हुई है. घर के ही चिराग से पूरे NDA में आग लगी हुई है.
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में बिहार में महागठबंधन ही एक मात्र विकल्प नजर आने लगा है. वही बीजेपी के प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि बेहतर सुरक्षित तरीके से चुनाव कराना चुनाव आयोग का काम है. और क्योंकि चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था है तो आयोग के कार्य पर सवाल खड़ा करना उचित नहीं. वह बेहतर फैसला लेगी.
इस मामले पर कांग्रेस के और नेता प्रेमचन्द्र मिश्रा ने कहा कि एनडीए में घटक दल एक दूसरे को नीचा छोटा दिखाने की कोशिश में लगे हुए हैं. वहां एलजेपी को उसकी हैसियत बताई जा रही है. यह संकेत बता रहे हैं की बिखराव की ओर तेजी से बढ़ रहा है.
उन्होंने कहा कि महागठबंधन के लिए ये शुभ संकेत है. जनता अब समझ कुछ समझ चुकी है और वह अब एनडीए के झांसे में नहीं आनेवाली. इस पर बिहार के मुख्य विपक्षी दल ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए बीजेपी-जेडीयू मिलकर एलजेपी को उसकी हैसियत दिखा रहे हैं.
संजय पासवान के बयान पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने हमला करते हुए कहा कि बीजेपी के संजय पासवान ने रामविलास पासवान और चिराग पासवान की हैसियत पर सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी की नीयत रही है मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं हैं. अब फैसला चिराग पासवान को ही करना है कि वो कौन सी राह चुनते हैं.