गुजरात सरकार ने उच्च शिक्षा के लिए बिहारी छात्रों को दिया न्योता, आरजेडी ने किया बवाल
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गुजरात सरकार ने उच्च शिक्षा के लिए बिहारी छात्रों को दिया न्योता, आरजेडी ने किया बवाल

मंगलवार को पटना में स्टडी इन गुजरात रोड शो का आयोजन किया गया. गुजरात में चल रहे 14 यूनिवर्सिटीज ने इस रोड शो में भाग लिया. बिहार के 600 स्कूलों के प्रिंसिपल, शैक्षणिक संस्थानों ने कार्यक्रम के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया था,

गुजरात सरकार ने दिया बिहारी छात्रों को उच्च शिक्षा का न्योता. (फाइल फोटो)

पटना: उच्च शिक्षा के लिए गुजरात सरकार ने बिहार के स्टूडेंट्स को गुजरात आने का न्योता दिया है. गुजरात सरकार की ओर से इसके लिए विशेष तौर पर मंगलवार को 'स्टडी इन गुजरात' के नाम से पटना में रोड शो का आयोजन किया गया. बेहतर लॉ एण्ड आर्डर और बेटर करियर के मौके का हवाला देकर बिहार के बच्चों से गुजरात आने की अपील की गई, लेकिन विपक्ष ने गुजरात सरकार की इस कोशिश को नीतीश कुमार को आईना दिखाने की कोशिश बताया है. विपक्ष ने सरकार से बिहार में उच्च शिक्षा की स्थिति पर जवाब मांगा है.

मंगलवार को पटना में स्टडी इन गुजरात रोड शो का आयोजन किया गया. गुजरात में चल रहे 14 यूनिवर्सिटीज ने इस रोड शो में भाग लिया. बिहार के 600 स्कूलों के प्रिंसिपल, शैक्षणिक संस्थानों ने कार्यक्रम के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया था, जिसके तहत डेढ़ हजार बच्चों ने रोड शो में उच्च शिक्षा को लेकर जानकारियां हासिल कीं.

कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए खुद गुजरात सरकार के मंत्री गणपत सिंह वसावा अपने अधिकारियों के साथ पटना पहुंचे थे. गणपत सिंह वसावा ने कहा कि गुजरात आर्थिक रुप से उन्नत है. वहां करियर की अच्छी संभावना है. गुजरात में लॉ एण्ड आर्डर की समस्या नहीं है. ऐसे बिहार के छात्र निर्भीक होकर वहां हायर एजुकेशन ले सकते हैं. गुजरात सरकार के मंत्री ने बताया कि हर साल पूरे देश से 5 हजार बच्चे गुजरात में उच्च शिक्षा प्राप्त करने आते हैं. गुजरात सरकार की ओर से 5 मंत्रियों की एक विशेष टीम बनी है, जो अलग-अलग राज्यों में रोड शो करके हायर एजुकेशन के लिए राज्य में आने की अपील बच्चों से कर रही है.

इधर गुजरात सरकार की पहल को लेकर विपक्ष ने बिहार सरकार पर हमला बोल दिया है. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि गुजरात सरकार ने नीतीश कुमार के विकास को आईना दिखा दिया है. उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नीतीश कुमार ने क्या काम किया है ये बीजेपी के मंत्री नीतीश कुमार को बता रहे हैं. गुजरात सरकार बिहार की लाखों प्रतिभा को गुजरात ले जाने आई है. अब नीतीश कुमार को मामले पर बोलना चाहिए.

इधर बीजेपी कोटे के बिहार सरकार में मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा है कि गुजरात विकसित है. अगर वहां से हमें कुछ सीखने के लिए मिलता है, तो ये हमारे लिए गर्व की बात है. हम यह नहीं कहते कि बिहार के बच्चे गुजरात जाकर ही पढें, लेकिन जानकारी तो ले ही सकते हैं.   

दरअसल, बिहार से हर साल 25 साल उम्र के लगभग 58 फीसदी बच्चे उच्च शिक्षा के लिए दूसरे राज्य चले जाते हैं. इसके कारण बिहार की एक बडी पूंजी भी बिहार से एजुकेशन के नाम पर चली जाती है. गुजरात में हर साल केवल 5 हजार बच्चे ही बाहर से पढने आते हैं. ऐसे में गुजरात सरकार अपनी एजुकेशन इंडस्ट्री को बिहार के बच्चों से और मजबूत करना चाहती है.

बिहार में 20 सरकारी विश्वविद्यालय चल रहे हैं, जिसके तहत लगभग 500 कॉलेज चल रहे हैं. प्रति लाख युवाओं पर महज 5 कॉलेज ही हैं. जबकि राष्ट्रीय स्तर पर औसत प्रति लाख युवाओं पर 28 कॉलेजों की है.  राज्य के कॉलेजों में शिक्षकों के 12,893 पद स्वीकृत हैं. लेकिन इसकी तुलना में 5318 शिक्षक ही कार्यरत हैं. बेहतर एजुकेशन की व्यवस्था अपने राज्य में न होता देख बिहार के बच्चे स्कूली शिक्षा के बाद हायर एजुकेश के लिए बाहर चले जाते हैं. ये बात दूसरे राज्यों को भी मालूम है. हालांकि गुजरात उद्योग के मामले में भी धनी है. ऐसे में गुजरात में मेट्रोपॉलिटन शहरों के अलावा भी करियर की ज्यादा संभावना है.

बिहार सरकार ने हाल के दिनों में कुछ नए विश्वविद्यालय जरूर खोले हैं, लेकिन एजुकेशन के बाद रोजगार के असवर न मिल पाना, अभी भी एक बडी समस्या बनी हुई है. ऐसे में बिहार के स्टूडेंट्स के लिए गुजरात हायर एजुकेशन के मामले में बेहतर विकल्प साबित हो सकता है.