अरुणाचल प्रदेश में उलटफेर के बाद बिहार में गरमाई राजनीति, विपक्ष ने साधा निशाना
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अरुणाचल प्रदेश में उलटफेर के बाद बिहार में गरमाई राजनीति, विपक्ष ने साधा निशाना

 बिहार से कोसों दूर भले ही अरुणाचल प्रदेश में जनता दल (यूनाइटेड) के छह विधायक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुए हों, लेकिन वहां के सियासत की तपिश के कारण बिहार की राजनीति गर्म हो गई है.

बिहार में पहली बार बीजेपी अधिक सीट लाकर 'बड़े भाई' की भूमिका में पहुंच गई है. (फाइल फोटो)

पटना: बिहार से कोसों दूर भले ही अरुणाचल प्रदेश में जनता दल (यूनाइटेड) के छह विधायक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुए हों, लेकिन वहां के सियासत की तपिश के कारण बिहार की राजनीति गर्म हो गई है. वैसे, बिहार में सत्तारूढ़ जेडीयू और बीजेपी के नेता इस गर्मी को ठंडा करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन विपक्ष इस तपिश में ठंड के मौसम में अपना हाथ सेंकने से पीछे नहीं है.

बीजेपी (BJP) और जेडीयू (JDU) अन्य दो छोटे दलों के साथ हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में साथ उतरे थे, लेकिन चुनाव परिणाम के बाद बिहार में पहली बार बीजेपी अधिक सीट लाकर 'बड़े भाई' की भूमिका में पहुंच गई है. कहा जा रहा है कि लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के कारण जेडीयू को कम सीटें मिली है. इसे लेकर भले ही जेडीयू के नेता मुखर नहीं हैं, लेकिन इस बात को लेकर उनके मन में बेचैनी जरूर महसूस की जाती रही है.

बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार में भी बीजेपी का 'अड़ंगा' माना जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पूछे एक प्रश्न पर कहा था कि बीजेपी का प्रस्ताव आने के बाद इसपर विचार किया जाएगा.

इस बीच, अरुणाचल प्रदेश की घटना के बाद जेडीयू के नेता तिलमिला गए हैं. प्रदेश के नेता इस संबंध में कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं. जेडीयू के महासचिव के. सी. त्यागी इस मामले को लेकर कहते हैं राज्य में सरकार को कोई खतरा नहीं था, ऐसा करके गठबंधन धर्म का उल्लंघन किया है.

त्यागी भले ही जो कह रहे हों लेकिन इसी बहाने आरजेडी नीतीश कुमार को इशारों ही इशारों में साथ आने का न्योता भी दे रहा है. आरजेडी के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी कहते हैं, "बीजेपी ने गठबंधन धर्म के साथ घात किया है. इससे संदेश स्पष्ट है कि बीजेपी को नीतीश कुमार की कतई परवाह नहीं है."

उन्होंने कहा कि बीजेपी ने चुनाव में भी लोजपा का इस्तेमाल किया, यह बात अब सामने आ रही है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अगर साहस दिखाकर कोई फैसला लेते हैं तो हम उसका स्वागत करेंगे. इधर, कांग्रेस भी जेडीयू को आईना दिखा रही है. कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ कहते हैं कि बीजेपी का इतिहास रहा है कि वह जिसके साथ गठबंधन करती है वह उसे ही निगलने की कोशिश करती है. उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी पूर्ण बहुमत में थी, इसके बावजूद जेडीयू के सात में से छह विधायकों को तोड़कर नीतीश कुमार को आईना दिखाया है और क्रिसमस का गिफ्ट दिया है.

इधर, बीजेपी के प्रवक्ता अरविंद सिंह कहते हैं कि बिहार में बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन है. यहां बीजेपी, जेडीयू सहित चार दलों के गठबंधन की सरकार मजबूती से चल रही है. उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की घटना का यहां कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है.

इस बीच, पटना में जेडीयू की शनिवार से प्रारंभ दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही है. संभावना जताई जा रही है कि जेडीयू और बीजेपी के रिश्ते को लेकर भी इस बैठक में चर्चा जरूर होगी. अब यह देखना होगा कि इस बैठक में इसे लेकर क्या होता है और अरुणाचल की राजनीति का कितना असर बिहार की राजनीति पर पड़ता है. (इनपुट: IANS)