सियासत का सुपर सैटरडे: भगवान बुद्ध की धरती से सियासी संदेश देंगे 'चाणक्य' तो पुराण माता मंदिर की पावन भूमि से नीतीश और तेजस्वी
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सियासत का सुपर सैटरडे: भगवान बुद्ध की धरती से सियासी संदेश देंगे 'चाणक्य' तो पुराण माता मंदिर की पावन भूमि से नीतीश और तेजस्वी

बिहार की राजनीति में 25 फरवरी यानी शनिवार का दिन बड़ा ही ऐतिहासिक होने जा रहा है. लोकसभा चुनाव में अभी साल भर का समय होने के बाद भी बीजेपी और महागठबंधन दोनों की ओर से एक ही दिन महारैली का आयोजन किया गया है.

अमित शाह, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव

Super Political Saturday: बिहार की राजनीति में 25 फरवरी यानी शनिवार का दिन बड़ा ही ऐतिहासिक होने जा रहा है. लोकसभा चुनाव में अभी साल भर का समय होने के बाद भी बीजेपी और महागठबंधन दोनों की ओर से एक ही दिन महारैली का आयोजन किया गया है. बीजेपी की रैली को पार्टी के चाणक्य और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तो महागठबंधन की रैली में नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, जीतनराम मांझी के अलावा कांग्रेस और वाम दलों के बड़े नेता भाग ले सकते हैं. बताया जा रहा है कि अमित शाह की रैली में राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भी हिस्सा ले सकते हैं. हालांकि इस बात की अभी न तो पुष्टि हो पाई है और न ही इसका खंडन किया गया है. यह बात दीगर है कि अमित शाह एक ही दिन बिहार में 2 रैली करने वाले हैं. एक रैली पटना में होगी तो दूसरी चंपारण की धरती पर. बीजेपी और महागठबंधन दोनों की रैली में सियासत भरपूर होगी. दोनों धड़ा एक दूसरे के निशाने पर होगा और वक्ताओं की बोली से 'गोली' निकलेगी, ऐसा माना जा रहा है. बिहार को राजनीतिक रूप से परिपक्व माना जाता है तो सियासी दलों ने भी इसमें छौंक लगाने में कोई कमी नहीं छोड़ी है.

  1. अमित शाह की रैली में शामिल हो सकते हैं कुशवाहा 
  2. एनडीए-महागठबंधन में आर-पार, होगी शब्दों की बौछार 

चंपारण में बीजेपी की रैली तो पटना में अमित शाह करेंगे जलसा

अमित शाह का जो कार्यक्रम है, उसके अनुसार, वे 25 फरवरी को पटना में स्वामी सहजानंद सरस्वती जयंती समारोह में भाग लेंगे. वहां वे दोपहर बाद पहुंचेंगे. इससे पहले वे वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र में लौरिया में भी एक सभा को संबोधित करने वाले हैं. अमित शाह की रैली की सफलता के लिए पार्टी ने अलग अलग क्षेत्रों के नेताओं को बड़ा टास्क दिया है. जब से नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू एनडीए का दामन छोड़ महागठबंधन  के पाले में गई है, तब से अमित शाह का फोकस बिहार की ओर ज्यादा हो गया है और वे लगातार रैली कर रहे हैं. सीमांचल में महागठबंधन से पहले अमित शाह पिछले साल ही वहां रैली कर चुके हैं.

अमित शाह जब पिछली बार सीमांचल में आए थे तो 2 दिन का प्रवास भी किया था. रैली करने के अलावा अमित शाह ने वहां कई छोटी बैठकें भी की थीं. इसके ठीक 20 दिन बाद अमित शाह ने छपरा के सिताब दियारा में जननायक कर्पूरी ठाकुर की जन्मस्थली पर एक भव्य समारोह में भाग लिया था. अब लौरिया में रैली करके अमित शाह वाल्मीकिनगर, बगहा, बेतिया, मोतिहारी के अलावा कई सटे इलाकों के लोगों को साधने की कोशिश करेंगे और फिर पटना पहुंचेंगे. 

पटना में जिस कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह को भाग लेना है, उसके बारे में कहा जा रहा है कि वहां का आयोजन राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर ने किया है. बिहार की राजनीति अभी पिछड़ा केंद्रित है तो अगड़ों को साधने के लिए विवेक ठाकुर को आगे किया गया है. इसी कारण विवेक ठाकुर इस आयोजन को भव्य और उल्लेखनीय बनाना चाह रहे हैं और जाहिर सी बात है कि जिस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जैसे शीर्ष नेता शामिल हो रहे हों, वो तो भव्य होगा ही.

जिस इलाके में अमित शाह ने की थी रैली, वहीं महागठबंधन का जलसा 

महागठबंधन की रैली की बात करें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव के अलावा महागठबंधन में शामिल 7 दलों के नेता इसमें शिरकत करेंगे. महागठबंधन सीमांचल में अपनी रैली कर रहा है, जहां 4 महीने पहले अमित शाह अपनी रैली कर चुके हैं. सीमांचल का इलाका अल्पसंख्यक बहुल है और महागठबंधन को यहां से बहुत उम्मीदें हैं. हालांकि सीमांचल की तस्वीर का एक दूसरा पहलू है असदुद्दीन ओवैसी का प्रभाव. पिछले विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने सभी राजनीतिक पंडितों को चौंकाते हुए यहां से 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी और राजद का प्रभाव यहां पर कम कर दिया था. ओवैसी के प्रभाव के चलते ही राजद को काफी कम सीटें हासिल हुई थीं. 

इसके अलावा ओवैसी यहां लगातार अपनी गतिविधियों को बढ़ा रहे हैं. ओवैसी को भलीभांति पता है कि एआईएमआईएम को कमजोर किए बिना महागठबंधन यहां बढ़त नहीं ले पाएगी और यही बात महागठबंधन के लोगों को भी पता है. इसलिए ओवैसी की पार्टी को लगातार बीजेपी की बी टीम करार दिया जा रहा है. इसी बात को लेकर एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने शुक्रवार को कहा कि 25 साल से जो लोग बीजेपी का बिस्तर गर्म करते रहे, वे एआईएमआईएम को बीजेपी की बी टीम बता रहे हैं.

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