Bihar News: चंद्रगुप्त मौर्य का रिकॉर्ड तोड़ने के बेहद करीब हैं नीतीश कुमार
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar2082807

Bihar News: चंद्रगुप्त मौर्य का रिकॉर्ड तोड़ने के बेहद करीब हैं नीतीश कुमार

Bihar Politics: इतिहास से पता चलता है कि आचार्य चाणक्य के मार्गदर्शन में चंद्रगुप्त इतने बड़े साम्राज्य के सम्राट बन सके थे. वहीं नीतीश कुमार खुद ही दोनों भूमिकाओं का निभाते नजर आ रहे हैं. नीतीश कुमार जिस तरह से गठबंधन के साथियों का इस्तेमाल करते हैं, उससे उन्हें अत्याधुनिक बिहार का चाणक्य कहा जा रहा है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

Bihar Politics: बिहार में फिर से आज (रविवार, 28 जनवरी) एक बार फिर से एनडीए सरकार की वापसी होने जा रही है. नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होकर फिर से बीजेपी से हाथ मिला लिया है. आज शाम को ही नई सरकार का शपथग्रहण हो जाएगा. नई सरकार में भी नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे और अगर सबकुछ ठीक रहा तो 2025 तक वही सीएम रहेंगे. बिहार के राजनीतिक इतिहास को देखें तो नीतीश कुमार जल्द ही चंद्रगुप्त मौर्य का रिकॉर्ड तोड़ देंगे. इतिहास के पन्नों को खंगालने में पता चला कि चंद्रगुप्त मौर्य ने मगथ पर तकरीबन 24 साल राज किया था. वहीं आधुनिक बिहार पर तकरीबन 19 सालों से नीतीश कुमार का शासन चल रहा है. 

इतिहास से पता चलता है कि आचार्य चाणक्य के मार्गदर्शन में चंद्रगुप्त इतने बड़े साम्राज्य के सम्राट बन सके थे. वहीं नीतीश कुमार खुद ही दोनों भूमिकाओं का निभाते नजर आ रहे हैं. नीतीश कुमार जिस तरह से गठबंधन के साथियों का इस्तेमाल करते हैं, उससे उन्हें अत्याधुनिक बिहार का चाणक्य कहा जा रहा है. ये नीतीश कुमार की पॉलिटिकल पॉवर ही है कि बिहार में सरकार चाहे एनडीए की बने या महागठबंधन की लेकिन मुख्यमंत्री हमेशा नीतीश कुमार ही बनते हैं. सिर्फ 45 विधायकों की दम पर नीतीश कुमार बीजेपी और राजद दोनों को अपने इशारों पर चलाने कामयाब हुए हैं. 

ये भी पढ़ें- PM मोदी की गारंटी मिलने के बाद ही नीतीश कुमार ने इस्तीफा दिया, जानें पिछले 60 घंटे क्या-क्या हुआ?

पटना इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री लेने वाले नीतीश कुमार को बिहार की राजनीति का वह स्क्रू पता है जिसे टाइट करते ही बिहार की सत्ता उनके इर्द-गिर्द ही घूमती है. गठबंधन में जो भी नीतीश को थोड़ा सा भी दबाने की कोशिश करता है, वह उसी के कलपुर्जे खोल देते हैं. इस तरह से वह 2005 से लगातार बिहार के सिंघासन पर बैठे हुए हैं. बीच में कुछ वक्त के लिए जीतन राम मांझी को कुर्सी पर बिठाया था, लेकिन तबभी कमान अपने हाथों में रखी थी. 

(ये सिर्फ लेखक के निजी विचार हैं...) 

Trending news