Tirhut Snatak Vidhan Parishad Chunav: EVM पर मचे घमासान के बीच विधान परिषद के चुनाव बैलेट पेपर से हो गए. जबकि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने विपक्षी नेताओं की बैलेट पेपर से चुनाव कराने की याचिका खारिज कर दी थी.
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Tirhut Snatak Vidhan Parishad Chunav: बिहार की तिरहुत स्नातक विधान परिषद सीट पर हुए उपचुनाव का रिजल्ट थोड़ी देर सामने आ जाएगा. वोटों की गिनती जारी है. सूत्रों के मुताबिक, अंतिम राउंड की मतगणना चल रही है और थोड़ी देर में रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा. तिरहुत स्नातक विधान परिषद सीट पर हुए उपचुनाव में बैलेट पेपर का इस्तेमाल हुआ था. अब सवाल ये है कि जब सारे चुनाव ईवीएम से होते हैं तो एमएलसी के चुनाव में बैलेट पेपर का इस्तेमाल क्यों होता है? इस सवाल से पहले ये जानना जरूरी है कि स्नातक एमएलसी चुनाव क्या होता है?
बता दें कि संविधान के अनुसार, हमारे देश का संचालन दो सदनों पर निर्भर करता है और हमारा लोकतंत्र प्रतिनिधित्व के सिद्धांत पर चलता है. देश या प्रदेश के निर्माण में शिक्षकों और स्नातकों की भूमिका होनी चाहिए, इसके लिए संविधान निर्माताओं ने विधान परिषद की संरचना करते समय स्नातक एमएलसी सदस्य को शामिल किया था और उसी समय से ये चुनाव हो रहे हैं. विधान परिषद के इन सदस्यों को शिक्षक और स्नातक डिग्री धारक चुनते हैं. इस चुनाव में प्रत्याशी का भी स्नातक होना जरूरी है.
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वहीं स्नातक विधान परिषद का चुनाव EVM से क्यों नहीं होता है? इसका सबसे बड़ा कारण है कि इस चुनाव में प्राथमिकता आधारित वोटिंग होती है. मतलब इन चुनावों में वोटर एक से अधिक कैंडिडेट को पहली, दूसरी, तीसरी वरीयता के वोट दे सकता है. पहली वरीयता के एक वोट को एक वोट गिना जाता है, जबकि दूसरी वरीयता के दो वोट को एक गिना जाता है. इसमें विजेता की घोषणा तब होगी जब किसी कैंडिडेट को 50 प्रतिशत प्लस वन वोट मिल जाए. कई बार नतीजे तीसरी वरीयता के मतों की गिनती तक खिंच जाते हैं.
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