Bihar Politics: बिहार के पूर्व सीएम और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने महागठबंधन से अलग होकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विपक्षी एकता को जबरदस्त झटका दिया है. सीएम नीतीश कुमार अब डैमेज कंट्रोल करने में लगे हैं. उन्होंने जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी के पास जो मंत्रालय था, उसे रत्नेश सदा को दे दिया है. इतना ही नहीं माउंटेनमैन दरशथ मांझी के बेटे और दामाद को भी अपने साथ मिला लिया है. माना जा रहा है कि इससे मांझी से हुए नुकसान की भरपाई हो जाएगी. इसी को लेकर सीवोटर ने एक सर्वे किया है, जिसके परिणाम बड़े चौंकाने वाले हैं.


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सीवोटर ने अपने सर्वे में लोगों से पूछा कि क्या मांझी का अलग होना नीतीश के लिए झटका है? 43% लोगों ने मांझी के अलग होने से महागठबंधन में नुकसान होने की बात कही है. 33% लोगों ने महागठबंधन में कोई नुकसान नहीं होने की बात कही है. वहीं, 24% लोगों ने इस मुद्दे पर पता नहीं में जवाब दिया है.


सर्वे के नतीजे


43% - हां
33% - नहीं
24% - पता नहीं 


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वहीं मांझी अपने आगे के भविष्य का फैसला 19 जून को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लेंगे. हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी ने कहा कि हमारे पास कई विकल्प मौजूद हैं. हम अपने भविष्य पर 19 जून को होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में फैसला लेंगे. उन्होंने महागठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि 19 जून को महागठबंधन सरकार से समर्थन वापसी का भी निर्णय लिया जाएगा. हम महामहिम से मिलकर उनको समर्थन वापसी का पत्र सौपेंगे.