Mission 2024: क्या 2024 में बीजेपी के साथ आएंगे जीतन राम मांझी? सम्राट चौधरी ने दिया बड़ा बयान
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Mission 2024: क्या 2024 में बीजेपी के साथ आएंगे जीतन राम मांझी? सम्राट चौधरी ने दिया बड़ा बयान

मांझी महादलित समाज में आने वाले मुसहर समाज से आते हैं. बिहार में इनकी आबादी करीब 2 फीसदी है. मांझी ने अपनी राजनीति की शुरुआत कांग्रेस के साथ की थी. इसके बाद जेडीयू में आए और अब HAM पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं.

बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी

Bihar Politics: 2024 में होने वाला लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे ही राजनीतिक उठापटक बढ़ती जा रही है. विपक्षी एकता का ब्लूप्रिंट अभी तैयार भी नहीं हो सका है कि इसमें सीट शेयरिंग को लेकर खींचतान देखने को मिलने लगी है. सीएम नीतीश कुमार के साथी जीतन राम मांझी ही आंखे दिखाने में लगे हैं. मांझी ने साफ कर दिया है कि यदि उन्हें सम्मानजनक सीटें नहीं मिली तो वो महागठबंधन को महाझटका दे सकते हैं. 

मांझी ने साफ कहा है यदि 2024 लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी को यदि 5 सीट नहीं मिली तो वह अपना रास्ता देख लेंगे. इतना ही नहीं उन्होंने दावा किया कि हम जिधर रहेंगे, उधर जीतेंगे. उनके इस तरह के बयान से महागठबंधन में खलबली मच गई है. मांझी के बयान को जेडीयू ने प्रेशर पॉलिटिक्स बताया है. मांझी के बयान से तो साफ है कि वो महागठबंधन को छोड़ भी सकते हैं लेकिन अब सवाल ये है कि क्या बीजेपी उन्हें फिर से NDA में एंट्री देगी? बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने इस बात का जवाब दिया है. 

मांझी को क्या बोले सम्राट चौधरी?

मांझी को एनडीए में शामिल होने का आमंत्रण देने के सवाल पर सम्राट चौधरी ने कहा कि बीजेपी मानती है कि जीतनराम मांझी बड़े नेता हैं. आगे क्या होता है. समय बहुत कुछ बता देगा. महागठबंधन पर कटाक्ष करते हुए सम्राट ने कहा कि जहां तक महागठबंधन का प्रश्न है, उसमें कुछ नहीं है. हमारी समझ से महागठबंधन है ही नहीं. सम्राट चौधरी के इस बयान से साफ है कि बीजेपी को मांझी को एनडीए में लेने से कोई परहेज नहीं है. मांझी भी लंबे वक्त से बीजेपी नेताओं के संपर्क में हैं.

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नीतीश की तरह पलटीमार हैं मांझी

मांझी महादलित समाज में आने वाले मुसहर समाज से आते हैं. बिहार में इनकी आबादी करीब 2 फीसदी है. मांझी ने अपनी राजनीति की शुरुआत कांग्रेस के साथ की थी. इसके बाद जेडीयू में आए और अब HAM पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं. नीतीश कुमार की कृपादृष्टि से 2014 में मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. 2015 में एनडीए का हिस्सा बन गए थे. 2019 का लोकसभा चुनाव आते-आते एनडीए का साथ छोड़कर राजद की अगुवाई वाले गठबंधन का हिस्सा बन गए थे. 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले फिर से पलटी मारी और एनडीए में वापस आ गए थे. नीतीश जब महागठबंधन का हिस्सा बनें तो मांझी भी उनके साथ चले गए.   

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