Bihar Politics: दिल्ली में विपक्षी गठबंधन (I.N.D.I.A.) हुई बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तगड़ा झटका लगा है. उन्हें गठबंधन का चेहरा तो छोड़िए संयोजक तक नहीं बनाया गया और ना ही उसकी कोई उम्मीद है. नीतीश कुमार पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भारी पड़ गए. ममता और केजरीवाल ने सिर्फ नीतीश कुमार के अरमानों पर पानी नहीं फेरा है, बल्कि तेजस्वी यादव की ताजपोशी में भी अडंगा लगा दिया है. शायद यही वजह है कि बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश कुमार के साथ-साथ लालू यादव और तेजस्वी यादव भी शामिल नहीं हुए. 


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इस पूरे घटनाक्रम को समझने के लिए आपको थोड़ा सा पीछे चलना होगा. सितंबर 2022 में नीतीश कुमार का अचानक से बीजेपी से मोहभंग हो गया और उन्होंने राजद के साथ सरकार बना ली. महागठबंधन सरकार में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम की कुर्सी मिली. राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है दिल्ली की गद्दी के लिए ही नीतीश कुमार ने बीजेपी से रिश्ता तोड़ा था. सूत्रों के मुताबिक, लालू-नीतीश के बीच दिल्ली और बिहार को लेकर बड़ी डील हुई थी. इस डील के मुताबिक, नीतीश को दिल्ली पहुंचाने में लालू यादव मदद करेंगे और बिहार की कुर्सी तेजस्वी यादव को मिलेगी. 


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अब विपक्षी गठबंधन की दिल्ली बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खड़गे को गठबंधन का संयोजक बनाने की वकालत की. तो वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक कदम और आगे जाते हुए पीएम पद के लिए खड़गे के नाम का प्रस्ताव रख दिया. फिलहाल तो इस मुद्दे को अभी के लिए टाल दिया गया है. लेकिन ममता और केजरीवाल ने एक ही पल में नीतीश कुमार और लालू यादव दोनों का ही ख्वाब तोड़ दिया है. 


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इस पूरे घटनाक्रम की सबसे खास बात ये है कि नीतीश कुमार जब विपक्षी गठबंधन की नींव रख रहे थे, उस वक्त ममता और केजरीवाल दोनों ही कांग्रेस के साथ खड़े होने को तैयार नहीं थे. नीतीश कुमार के नाम पर ये दोनों गठबंधन में शामिल होने को तैयार हुए थे. ममता बनर्जी ने ही नीतीश कुमार को पटना में विपक्ष की पहली बैठक रखने की सलाह दी थी. तीसरी बैठक तक केजरीवाल और कांग्रेस के बीच तकरार देखने को मिलती रही. लेकिन चौथी बैठक में दोनों ने कांग्रेस अध्यक्ष को चेहरा बनाए जाने का प्रस्ताव रख दिया.