बिहार के महागठबंधन सरकार में ऐसा लग रहा है सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा क्योंकि सीएम नीतीश कुमार की समीक्षा बैठक में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े बेटे और मंत्री तेज प्रताप यादव नहीं पहुंचे.
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Bihar Politics: बिहार के महागठबंधन सरकार में क्या सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है? ये सवाल सरकार को चला रही तीन मुख्य पार्टियों (JDU, RJD और कांग्रेस) के बीच तनातनी के कारण उठ रहा है. कन्हैया के कार्यक्रम से तेजस्वी की दूरी बनाने के बाद अब नीतीश की समीक्षा बैठक से तेज प्रताप की दूरी काफी कुछ बयां कर रही है. दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार (2 जून) को वन और पर्यावरण विभाग की समीक्षा बैठक बुलाई थी, जिसमें तेज प्रताप यादव को भी शामिल होना था लेकिन वो इस मीटिंग से नदारद रहे.
बता दें कि तेज प्रताप यादव ही वन एवं पर्यावरण विभाग के मंत्री हैं. प्रोटोकॉल के अनुसार, इस बैठक में उनका मौजूद होना बेहद जरूरी था. लेकिन तेज प्रताप इसमें शामिल नहीं हुए. मुख्यमंत्री को विभागीय मंत्री के बगैर की बैठक करनी पड़ी. अब इस पर बीजेपी ने तंज कसा है. बीजेपी ने महागठबंधन सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि नीतीश कुमार और आरजेडी के बीच में आपसी झगड़ा चल रहा है. बिना मंत्री के नीतीश कुमार ने वन-पर्यावरण विभाग की समस्या क्या जानी होगी? वो केवल अधिकारियों के साथ बैठक करते रहे.
तेजस्वी को कन्हैया से एलर्जी!
इससे पहले डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव उस कार्यक्रम में दिखाई नहीं दिए थे, जिसमें कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार शामिल हुए थे. आखिरकार मुख्य अतिथि की अनुपस्थिति में जेडीयू नेता और बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी और मोहम्मद इस्राइल मंसूरी ने कन्हैया कुमार के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की. राजनीतिक मामलों के जानकार कहते हैं कि तेजस्वी यादव को कन्हैया कुमार से एलर्जी है. पहले भी वे कन्हैया के साथ मंच साझा करने से कतराते रहे हैं. दोनों के बीच अदावत की शुरुआत 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान शुरू हुई थी.
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नीतीश को मांझी की चेतावनी
विपक्षी एकता की कवायद में जुटे नीतीश कुमार के लिए ये खींचतान शुभ संकेत नहीं हैं. 12 जून को पटना में विपक्षी नेताओं का जमावड़ा लगने वाला है. इससे पहले महागठबंधन में शामिल हम संयोजक जीतन राम मांझी बगावती तेवर दिखाने लगे हैं. उन्होंने अपनी पार्टी के लिए 5 सीटों की डिमांड की है. उनका कहना है कि यदि उन्हें इतनी सीटें नहीं मिली तो वो दूसरा ठिकाना ढूंढ़ सकते हैं. नीतीश कुमार को धमकी वाले लहजे में उन्होंने कहा कि हम जिधर जाएगी, जीत उसी की होगी.