Prashant Kishor News: प्रशांत किशोर ने वन नेशन वन इलेक्शन कानून का विरोध तो नहीं किया पर इसी के बहाने आतंकवाद विरोधी कानूनों के माध्यम से कथित रूप से एक खास समुदाय के खिलाफ इस्तेमाल करने का आरोप लगा दिया.
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पटना: जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को कहा कि ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ देश के लिए फायदेमंद हो सकता है, बशर्ते कि यह कदम अच्छे इरादों से उठाया जाए. उन्होंने कहा, ‘कानून आतंकवाद पर अंकुश लगाने के लिए बनाए गए, लेकिन उनका इस्तेमाल एक खास समुदाय को निशाना बनाने के लिए किया गया.’ किशोर लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने संबंधी विधेयकों को केंद्रीय कैबिनेट की गुरुवार को मिली मंजूरी के बारे में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे. इन विधेयकों को शीघ्र ही संसद में पेश किए जाने की संभावना है.
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चुनावी रणनीतिकार रह चुके किशोर ने कहा, ‘मैं कई चुनावों में शामिल रहा हूं. मैंने देखा है कि हर साल देश का एक बड़ा हिस्सा राष्ट्रीय या राज्य स्तर के किसी न किसी चुनाव में शामिल रहता है.’ किशोर की चुनाव परामर्श फर्म आई-पैक (इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी जैसे विभिन्न नेताओं के चुनाव प्रचार अभियान को संभाल चुकी है.
किशोर ने कहा कि अतीत में चीजें अलग थीं. 1960 के दशक तक, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए चुनाव एक साथ होते थे. अगर ऐसा फिर से होता है, तो यह देश के लिए अच्छा होगा, लेकिन यह बदलाव सुगमता से करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए. इस तरह के बदलाव का प्रयास रातोंरात नहीं किया जाना चाहिए.’
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बिहार में मुसलमानों में पैठ बनाने की कोशिश कर रही जन सुराज पार्टी के संस्थापक ने ने कहा, ‘प्रस्तावित विधेयकों की सफलता काफी हद तक केंद्र की मंशा पर निर्भर करेगी.’ किशोर ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है, जब देश के विपक्षी दल भाजपा पर यह आरोप लगा रहे हैं कि ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ का यूज कर वह सत्ता को हाईजैक कर सकती है.