झारखंड: राशन लेने में POS मशीन बनी परेशानी, लोगों को हेमंत सरकार से यह उम्मीद
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झारखंड: राशन लेने में POS मशीन बनी परेशानी, लोगों को हेमंत सरकार से यह उम्मीद

ग्रामीणों का कहना है कि तकनीक तो यहां दे दी गई, लेकिन नेटवर्क का कोई ठिकाना नहीं. नेटवर्क मिला तो ठीक, नहीं तो ग्रामीणों को सरकारी राशन दुकान का चक्कर काटते रहना पड़ता है.

झारखंड के मुख्यमंत्री हैं हेमंत सोरेन. (फाइल फोटो)

रांची: पारदर्शी सरकार और भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) की दुकानों में प्वाइंट ऑन सेल (POS) मशीन से राशन देने की व्यवस्था की थी, लेकिन कई क्षेत्रों में यह सुविधा ही परेशनी का सबब बन गई है. कई ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों को इस तकनीकी सुविधा के कारण ही राशन से वंचित होना पड़ रहा है. वैसे, अब नई सरकार से ग्रामीणों की उम्मीद बढ़ी है.

झारखंड के लातेहार, पलामू, पश्चिमी सिंहभूम, संथाल परगना के कई सुदूरवर्ती क्षेत्र में पीओएस मशीन से राशन वितरण की इस प्रणाली से परेशान हैं. ग्रामीणों का कहना है कि तकनीक तो यहां दे दी गई, लेकिन नेटवर्क का कोई ठिकाना नहीं. नेटवर्क मिला तो ठीक, नहीं तो ग्रामीणों को सरकारी राशन दुकान का चक्कर काटते रहना पड़ता है.

वैसे, खाद्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि ऐसे समस्याओं वाले क्षेत्रों के दुकानों को ऑफलाइन भी किया जा रहा है, जहां पुरानी पद्धति से ही कार्डधारियों को राशन वितरण किया जा रहा है. हालांकि, वे भी कहते हैं कि कई क्षेत्रों में नेटवर्क के आने-जाने की भी समस्या होती है.

दुकानदार भी इस तकनीक से परेशान हैं. दुकानदार कहते हैं कि इससे कई बार तू-तू, मै-मैं की स्थिति उत्पन्न हो जा रही है. कुछ लोगों की शिकायत रहती है कि कई बार अंगूठे का भी मिलान नहीं होता. आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 25 हजार से ज्यादा पीडीएस की दुकानें हैं.

उल्लेखनीय है कि लातेहार जिले के महुआडांड के लुरगुमी कला गांव में पिछले साल जून महीने में कथित तौर भूख से एक बुजुर्ग रामचरण मुंडा की मौत हेा गई थी. उस समय उसके परिजनों ने आरोप लगाया था कि पिछले तीन दिनों से घर में अन्न का एक दाना नहीं था. उस समय कहा गया था कि उन्हें कई महीनों से राशन नहीं मिल रहा था, क्योंकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बायोमीट्रिक आधारित राशन पाने के लिए जिस इलेक्ट्रॉनिक मशीन का इस्तेमाल होता है, वह खराब थी.

उस समय जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने भी ट्वीट कर कहा था, 'आधार और पीओएस मशीन से गरीबों का जीवा दूभर कर दिया है. मैं वादा करता हूं कि राज्य में मेरी सरकार बनते ही राशन लेना आसान करूंगा और उनके दाम भी घटाऊंगा.'

राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को आज भी सोरेन का यह बयान याद है. उन्हें आशा है कि सरकार अब कोई कदम उठाएगी. इधर, नई सरकार में खाद्य, सार्वजनिक वितरण प्रणाली मंत्री बने रामेश्वर उरांव भी मानते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी समस्या सुनी गई है. उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता इस समस्या का हल कर लोगों तक राशन मुहैया कराना है.

(इनपुट-आईएएनएस)