जेल में हालत बिगड़ने के बाद राजेश को पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान राजेश की मौत हो गई थी.
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पटना: बिहार में बस खलासी बंदी की मौत मामले में पोस्टमार्टम के लिए प्रतिनियुक्त एग्जिक्यूटिव मजिस्ट्रेट की बड़ी लापरवाही सामने आई. मृतक के शरीर पर दाग के निशान दिखाई ही नहीं दिया. फुलवारीशरीफ जेल के सुपरिटेंडेंट से रिपोर्ट मांगी गई है.
23 नवंबर को गायघाट गोलंबर से उत्पाद विभाग ने राजेश पांडे को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार युवक को उत्पाद की टीम ने दो दिनों तक हाजत में बंद कर उसकी पिटाई कर दी थी. पिटाई के बाद राजेश को फुलवारी जेल भेजा गया था.
जेल में हालत बिगड़ने के बाद राजेश को पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान राजेश की मौत हो गई थी.
इसके बाद परिजनों ने बेरहमी से पिटाई का आराप लगाया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही इसका खुलासा होगा. पिटाई से उसकी मौत हुई थी या बीमारी से.