कोरोना वायरस से बचाव के लिए कैदियों की पहल, जेल में रोजाना बना रहे 500 मास्क
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कोरोना वायरस से बचाव के लिए कैदियों की पहल, जेल में रोजाना बना रहे 500 मास्क

पूर्णिया का केन्द्रीय कारागार बिहार का पहला कारागार है, जहां के कैदी कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए मास्क बना रहे हैं.

कोरोना वायरस से बचाव के लिए कैदी मास्क बना रहे हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

पूर्णिया: पूरी दुनिया में कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचाव के लिए चल रहे राहत कार्यो के मद्देनजर बिहार की जेल के कैदी भी मास्क बना रहे हैं. इन कैदियों द्वारा बनाए गए मास्क अन्य जेलों में भी भेजे जा रहे हैं. बिहार की पूर्णिया केन्द्रीय जेल में कैदियों द्वारा मास्क बनाए जा रहे हैं. यहां के कैदी प्रतिदिन करीब 500 मास्क बना रहे हैं.

पूर्णिया का केन्द्रीय कारागार बिहार का पहला कारागार है, जहां के कैदी कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए मास्क बना रहे हैं. पूर्णिया केंद्रीय कारागार के जेल अधीक्षक जितेन्द्र कुमार ने मीडिया को बताया, 'यहां के 45 से 50 कैदी प्रतिदिन करीब 500 मास्क बना रहे हैं, जिसे बिहार के कई जेलों में सप्लाई भी किया जा रहा है. इस जेल के कैदियों द्वारा बनाए गए मास्क अब तक नवगछिया, खगड़िया, कटिहार, बगहा सहित कई अन्य जेलों में भेजे गए हैं.'

उल्लेखनीय है कि राज्य में कोरोना वायरस के चलते मास्क की मांग अचानक बढ़ गई है. जिसके कारण कैदियों द्वारा मास्क बनवाने का निर्णय लिया गया. जेल प्रशासन का कहना है कि जहां से भी उन्हें मास्क बनाने का ऑर्डर आएगा उसकी आपूर्ति की जाएगी.

जितेंद्र कुमार बताते हैं कि जेल में मास्क बनाने के लिए 10 मशीनें उपलब्ध हैं. इन मशीनों से प्रतिदिन 45 से 50 कैदी मास्क बनाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मास्क बनाने में उपयोग होने वाला खादी का कपड़ा भी पूर्णिया केन्द्रीय कारागार के कैदियों द्वारा ही बनाया जाता है.

जेल में कैदियों द्वारा मास्क बनाने में बहुत कम लगात आ रही है. जेल के एक अधिकारी ने बताया कि एक मास्क बनाने में 10 से 15 रुपए की लागत आ रही है. उन्होंने बताया, 'मास्क पूरी तरह अधिकारियों की देख-रेख में बनाए जा रहे हैं. इसमें सुरक्षा के सारे मानकों को ध्यान रखा जा रहा है. वायरस को रोकने के लिए कोई विशेष मैटेरियल की जरूरत नहीं होती है, इसलिए इनके निर्माण में दिक्कत नहीं है.'

जेल अधीक्षक ने बताया कि फिलहाल जेल में 1441 कैदी हैं, जिसमें से कुछ कैदियों को मास्क बनाने के लिए प्रशिक्षित कराया गया है. उन्होंने कहा, 'फिलहाल पुरुष कैदियों द्वारा मास्क बनाने का काम चल रहा है. अगर जरूरत पड़ी तो महिला कैदियों को भी इस काम में लगाया जाएगा. जेल के सभी कैदियों, सारे कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों को भी मास्क दिया गया है.' इधर, भागलपुर केंद्रीय जेल में भी कैदियों द्वारा मास्क बनाने की योजना बनाई गई है.

(इनपुट-आईएएनएस)