एक भारतीय को दूसरे राज्य में जाकर रहने का अधिकार नहीं है तो दूसरे राज्यों की कला संस्कृति को अपने राज्य में लागू करने का कोई हक नहीं बनता है.
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देवघर : झारखंड के देवघर में इन दिनों नवरात्र के दौरान एक तरफ जहां डांडिया की धूम है वहीं, दूसरी तरफ गुजरात से बिहार और झारखंड वासियों को भगाए जाने के मामले को लेकर इसका विरोध शुरू हो गया है. मामला तब बढ़ गया जब डीआईडी की फाइनलिस्ट जोया खान देवघर में डांडिया करने पहुंची. कुछ युवा संगठनों ने टावर चौक पर डांडिया स्टिक जलाकर इसका विरोध करना शुरू कर दिया.
युवा संगठनों का कहना है कि एक तरफ गुजरात से बिहार और झारखंड के लोगों को भगाया जा रहा है. उन्हें पीटा जा रहा है. दूसरी तरफ गुजरात की संस्कृति को लेकर देवघर में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. यह गलत परंपरा है.
उनका कहना था कि अगर एक भारतीय को दूसरे राज्य में जाकर रहने का अधिकार नहीं है तो दूसरे राज्यों की कला संस्कृति को अपने राज्य में लागू करने का कोई हक नहीं बनता है. हालांकि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच इसका आयोजन हुआ. कार्यक्रम स्थाल पर युवाओं को अंदर नहीं जाने दिया गया.
डांडिया को लेकर देवघर के विभिन्न चौक-चौराहों पर इसका विरोध जारी है. डांडिया का उद्घाटन करने पहुंचे श्रम नियोजन मंत्री राज परिवार में आपसी सौहार्द और भक्ति में लीन होकर दुर्गा पूजा मनाने की अपील की है. हालांकि जोया खान से जब इस मुद्दे पर पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.