Pulwama Attack Anniversary: शहीद रतन ठाकुर की पत्नी राज नंदिनी का पाकिस्तान पर गुस्सा आज भी उतना ही है, जितना एक साल पहले था.
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अजय कुमार/भागलपुर: 14 फरवरी 2019. यही वो दिन था, जब पुलवामा में आतंकी हमले (Pulwama Attack) में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए थे. इन्हीं शहीदों में से एक भागलपुर के मदारगंज के रतन ठाकुर (Martyr Ratan Thakur) थे. शहादत को एक साल पूरा हो गए हैं, लेकिन परिवार का दर्द या गुस्सा कम होने को नाम नहीं ले रहा है. शहीद की पत्नी राज नंदिनी का पाकिस्तान के ऊपर गुस्सा आज भी उतना ही है, जितना एक साल पहले था.
पत्नी राज नंदिनी आज भी शहीद रतन की याद में खोई सी रहती हैं. लेकिन जब भी पुलवामा हमले (Pulwama attack anniversary) का जिक्र होता है तो उनका गुस्सा फूट पड़ता है. यही गुस्सा एक बार फिर देखने को मिला. भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में अटैक कर पुलवामा हमले का बदला लिया. लेकिन राज नंदिनी अब भी बदला लेना चाहती हैं. वे कहती हैं, ‘मेरा बेटा ही बड़ा होकर फौज में भर्ती होकर अपने पिता का बदला लेगा.’
रतन ठाकुर की शहादत के बाद परिवार को कई तरह की मदद की पेशकश हुई थी. लेकिन इनमें से कुछ ही पूरी हुई हैं. ज्यादातर मदद का इंतजार अब भी है. बिहार सरकार ने शहीद के एक भाई को सरकारी नौकरी दी है. एक निजी स्कूल माउंट एसीसी द्वारा शहीद के पुत्र को निःशुल्क शिक्षा दी जा रही है.
शहीद रतन के छोटे भाई बताते हैं कि केंद्र सरकार ने राजधानी में आवास देने की बात कही थी, लेकिन वह नहीं मिला है. अब भी किराए के मकान में बसर कर रहे हैं. बिहार सरकार ने गांव का नाम, स्कूल का नाम, पंचायत का नाम शहीद के नाम पर रखने की बात कही थी, वह भी पूरा नहीं हुआ. अंबानी फाउंडेशन से भी भरोसा मिला था, कुछ नहीं हुआ. पीएम की तरफ से 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद परिजनों से मिलने की बात हुई थी, वह भी अभी नहीं हुआ.
वैसे, शहीद रतन के परिवार को अभी तक कुल 36 लाख रुपए मिले हैं, जिसमें सीआरपीएफ और बिहार सरकार के अलावा समाज के लोगों ने दिया है. लेकिन 14 फरवरी 2020 को मदारगंज में श्रद्धांजलि सभा कैसे करेंगे, उसकी व्यवस्था अभी नहीं है. पत्नी राज नंदिनी कहती हैं कि तस्वीर रख कर पूजा कर लेंगे.