सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, नेहरू-गांधी परिवार में राजीव गांधी इकलौते अच्छे इंसान
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सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, नेहरू-गांधी परिवार में राजीव गांधी इकलौते अच्छे इंसान

भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को नेहरू-गांधी परिवार का एकमात्र अच्छा इंसान करार देते हुए उनकी सराहना की और कहा कि उन्होंने हिन्दुओं को जागृत करने का कार्य किया.

स्वामी ने याद किया कि एक समय में पूर्व प्रधानमंत्री ने दूरदर्शन पर पौराणिक धारावाहिक ‘रामायण’ के प्रसारण की अनुमति दी थी. (फाइल फोटो)

पटना: भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को नेहरू-गांधी परिवार का एकमात्र अच्छा इंसान करार देते हुए उनकी सराहना की और कहा कि उन्होंने हिन्दुओं को जागृत करने का कार्य किया.

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘नेहरू-गांधी परिवार में केवल राजीव गांधी ही सबसे अच्छे इंसान थे और उन्होंने हिन्दुओं को जागृत करने की दिशा में कार्य किया.’ राज्यसभा सदस्य स्वामी ने याद किया कि एक समय में पूर्व प्रधानमंत्री ने दूरदर्शन पर पौराणिक धारावाहिक ‘रामायण’ के प्रसारण की अनुमति दी थी और बाद में अयोध्या में राम मंदिर में पूजा की मंजूरी दी.

अयोध्या मुद्दे पर यहां एक व्याख्यान देने आये स्वामी ने उम्मीद जतायी कि अयोध्या विवाद को सुलझा लिया जायेगा.

बाबरी विवाद का हल अदालत से ही सम्भव

बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने रविवार को कहा कि रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को आपसी बातचीत के जरिये हल नहीं किया जा सकता और इसका समाधान सिर्फ उच्चतम न्यायालय से ही हो सकता है.

कमेटी के संयोजक जफरयाब जीलानी ने यहां एक बयान में बताया कि कमेटी की यहां हुई एक बैठक में उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा अयोध्या विवाद को आपसी सहमति से सुलझाने और जरूरत पड़ने पर उसमें मध्यस्थता करने की पेशकश को लेकर यह फै़सला किया गया है कि बाबरी मस्जिद का मुद्दा सिर्फ अदालत से ही हल हो सकता है.

जीलानी ने बताया कि सभा में यह भी महसूस किया गया कि पहले प्रधानमंत्री निष्पक्ष हुआ करते थे किन्तु इस समय तो प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री स्वयं एक पक्षकार हैं जो भाजपा के राम मंदिर आन्दोलन के हिमायती तथा कार्यकर्ता हैं. इनसे क़तई यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह मुसलमानों के साथ मस्जिद के मसले पर न्याय करेंगे.

सभा में यह भी महसूस किया गया कि अगर उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश या अन्य न्यायाधीश दीवानी की धारा 89 के अर्न्तगत मुद्दे के हल के लिये प्रयास करें तो इस प्रयास में मुस्लिम पक्ष अवश्य सहयोग करेगा.

अयोध्या विवाद को मैत्रीपूर्ण ढंग सुलझाएं

इससे पहले अयोध्या विवाद पर सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि यह एक संवेदनशील और भावनात्मक मुद्दा है और यह बेहतर होगा कि इस मुद्दे को मैत्रीपूर्ण ढंग से सुलझाया जाए.

प्रधान न्यायाधीश जे एस खेहर ने कहा था कि यदि संबंधित पक्ष उनकी मध्यस्थता चाहते हैं तो वह इस काम के लिए तैयार हैं. सभी पक्षों को इस मुद्दे को सुलझाने के नए प्रयास करने के लिए मध्यस्थ चुनने चाहिए.