आधार नहीं होने की वजह से राशन से वंचित नहीं होंगे लाभार्थी: रामविलास पासवान
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आधार नहीं होने की वजह से राशन से वंचित नहीं होंगे लाभार्थी: रामविलास पासवान

रामविलास पासवान ने बताया कि उन्होंने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से बार-बार कहा है कि केवल आधार न होने के कारण लाभार्थियों को खाद्यान्न से वंचित किए जाने या राशन कार्ड डाटा बेस से परिवार का नाम काट दिए जाने की कोई घटना नहीं होनी चाहिए.

रामविलास पासवान ने सदन में दिया बयान.

नई दिल्ली/पटना: केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने राज्यों से कहा है कि सिर्फ 'आधार कार्ड' नहीं होने के कारण किसी सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के किसी लाभार्थी का नाम राशन कार्ड डाटा बेस से नहीं हटाया जाए और उसे राशन से वंचित नहीं किया जाए. केंद्रीय मंत्री ने यह जानकारी मंगलवार को लोकसभा में एक तारांकित प्रश्न के लिखित जवाब में दी.

बिहार के कटिहार संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से जेडीयू सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी के सवालों का जवाब देते हुए पासवान ने बताया कि उन्होंने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से बार-बार कहा है कि केवल आधार न होने के कारण लाभार्थियों को खाद्यान्न से वंचित किए जाने या राशन कार्ड डाटा बेस से परिवार का नाम काट दिए जाने की कोई घटना नहीं होनी चाहिए.

उन्होंने कहा, "आधार प्रमाणन असफल रहने की स्थिति में वास्तविक लाभार्थियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभों की सुपुर्दगी सुनिश्चित करने के लिए उचित दाम की दुकानों पर अपनी पहचान सिद्ध करने के लिए वैकल्पिक विधियां या दस्तावेज निर्धारित किए गए हैं."

जेडीयू सांसद ने पूछा था कि क्या सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत निर्धन लाभार्थियों की पहचान प्रक्रिया में कतिपय त्रुटियां और अनियमितताएं थीं, जिन्हें अब ठीक कर लिया गया है. इसके अलावा उन्होंने किसी त्रुटि व अनियमितता के बगैर सभी निर्धन परिवारों को राशन वितरण की जानकारी मांगी थी.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ सही तरीके से सुनिश्चित करने के लिए लाभार्थियों की बायोमेट्रिक सूचना से संबंधित उनकी विशिष्ट पहचान के लिए आधार का लाभ उठाना शामिल है.

उन्होंने बताया कि अब तक देश में 5.35 लाख उचित मूल्य की दुकानों में से करीब 4.58 लाख दुकानों को आधार प्रमाणन सुविधा से लैस ई-पीओएस उपकरणों से स्वचालित बनाया गया है. मंत्री ने सदन को बताया कि देशभर में 86 फीसदी राशन कार्डो (करीब 20 करोड़) और 81.5 फीसदी (65 करोड़) लाभार्थियों का आधार नंबर से जोड़ दिया गया है.