झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड पर हाईकोर्ट ने लगाया एक लाख का जुर्माना, जानें क्या है पूरा मामला
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झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड पर हाईकोर्ट ने लगाया एक लाख का जुर्माना, जानें क्या है पूरा मामला

राज कुमार भदानी की नियुक्ति से जुड़े मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुना दिया है. गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान  हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की बेंच ने JUVNL (झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड) पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

 (फाइल फोटो)

Ranchi: राज कुमार भदानी की नियुक्ति से जुड़े मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुना दिया है. गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान  हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की बेंच ने JUVNL (झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड) पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा उन्होंने JUVNL को आदेश दिया दिया है कि राजकुमार को फिर से बहाल किया जाए.

जानें क्या है पूरा मामला

JUVNL (झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड ) पर झारखंड हाईकोर्ट ने एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. राज कुमार भदानी की नियुक्ति से जुड़े मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जुर्माना लगाया है. बता दें कि राज कुमार भदानी ने अपनी नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस याचिका में उन्होंने बताया था कि 2016 में स्विच बोर्ड ऑपरेटर के पद पर उनकी नियमित नियुक्ति हुई थी. एक साल नौकरी करने के बाद उन्हें ये कह कर हटा दिया था कि उनकी डिग्री इस नौकरी के अनुरूप नहीं हैं. 

कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज कुमार भदानी के वकील धनंजय पाठक ने बताया कि राज कुमार को जिस पद पर आठ साल पहले नौकरी मिली थी, वो इस समय उसी पद पर एक संविदाकर्मी के रूप में काम कर रहे हैं. कोर्ट ने इसके बाद दोनों को पक्षों को ध्यान से सुना और अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने राज कुमार भदानी के पक्ष में अपना फैसला देते हुए उन्हें फिर से बहाल करने का निर्देश दिया. इसके अलावा कोर्ट ने JUVNL (झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड ) पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की बेंच में हुई थी. 

वहीं, अपने पक्ष में फैसला आने के बाद राज कुमार भदानी काफी ज्यादा खुश हैं और उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें फिर से नियमित कर्मचारी के रूप में बहाली मिल जाएगी. कोर्ट का फैसला आने के बाद वो झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड जल्द ही उन्हें बहाल कर सकता है.

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