दारू प्रखंड के रामदेव खैरिका में एक ऐसा विद्यालय है जहां पर दिन के समय में स्कूल में पढ़ाई होती है और शाम होते ही उस स्कूल को गौशाला बना दिया जाता है.
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हजारीबाग: झारखंड सरकार जहां एक ओर स्कूलों और छात्रों के लिए बेहतर शिक्षा के इंतजाम में लगी हैं. सरकार सरकारी विद्यालयों को आदर्श बनाने के प्रयास कर रही है. वहीं, दूसरी ओर दारू प्रखंड के रामदेव खैरिका में एक ऐसा विद्यालय है जहां पर दिन के समय में स्कूल में पढ़ाई होती है और शाम होते ही उस स्कूल को गौशाला बना दिया जाता है.
स्कूल को बनाया गौशाला
दरअसल यह स्कूल राज्यकृत प्राथमिक विद्यालय रामदेव खैरिका का एक ऐसा ही विद्यालय है. यहां पर स्कूल की छुट्टी होने के बाद शाम के समय ग्रामीणों के द्वारा अपने जानवरों को बांध दिया जाता है. इस विद्यालय के अंदर दो नए भवन के साथ एक आंगनबाड़ी केंद्र और विद्यालय का एक पुराना भवन है. विद्यालय के पीछे चारदीवारी खुली हुई है, जहां से स्थानीय लोग अपने जानवरों को प्रवेश करवाकर, गाय, बकरी, भैंस आदि जानवरों को बांध देते हैं. जिससे यह भवन पूरा गौशाला बन जाता है. इस भवन में जानवरों के मलमूत्र और गोबर से पूरा विद्यालय परिसर दुर्गंध भरा हो जाता है.
ग्रामीण करते हैं लड़ाई
यहां पढ़ने आने वाले बच्चे दुर्गंध के कारण काफी परेशानी होती है. जानकारी के मुताबिक विद्यालय भवन की पीछे की दीवार को तोड़ा गया और उसके बाद एक रास्ता बना दिया गया. जहां से जानवर आ जाते हैं.. स्कूल की प्रधानाध्यापिका मंजू शांता का कहना है कि कई सालों से यहां जानवरों को बांधा जा रहा है. मना करने पर ग्रामीण लड़ने लगते हैं.
जानवर बांधने पर होगी कार्रवाई
वहीं, पंचायत की मुखिया झरना देवी के समाजसेवी पुत्र प्रभात सिंह ने विद्यालय पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. इसके अलावा जानवर बांधने वालों को सख्त हिदायत दी कि विद्यालय में कोई भी अपने जानवरों को नहीं बांधेगा. वहीं, प्रभात सिंह ने अपने स्तर पर भवन को साफ करवाने की बात कही और कहां कि जो भी आगे से यहां पर जानवर बांधेगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.