Ranchi News: डायन बिसाही से होने वाली हत्याओं में कई बार ओझा, गुनियो और स्थानीय पुजारियों की भूमिका होती है. इसे देखते हुए अब राज्य पुलिस को जिम्मेदारी दी गई है कि ऐसे स्थानीय पुजारी, पाहन, भगत को चिन्हित कर उनसे पर्सनल बांड या निजी मुचलका भरवायेगी ताकि स्थानीय स्तर पर उचित और रोकथाम किया जा सके.
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Ranchi: झारखंड में आए दिन डायन-बिसाही के वजह से हत्या की खबरें लगातार आती रहती हैं. लंबे समय से चले आ रहे इस प्रथा को रोकना प्रशासन और राज्य सरकार के लिए चुनौती बना हुआ है. अब डायन बिसाही की वजह से होने वाली हत्याओं को रोकने के लिए झारखंड प्रशासन एक बड़ी कार्य योजना तैयार की है. राज्य के डीजीपी नीरज सिन्हा के निर्देश पर आईजी प्रोविजन ने इस संबंध में आदेश जारी किया है.
जानकारी के अनुसार, डायन बिसाही से होने वाली हत्याओं में कई बार ओझा, गुनियो और स्थानीय पुजारियों की भूमिका होती है. इसे देखते हुए अब राज्य पुलिस को जिम्मेदारी दी गई है कि ऐसे स्थानीय पुजारी, पाहन, भगत को चिन्हित कर उनसे पर्सनल बांड या निजी मुचलका भरवायेगी ताकि स्थानीय स्तर पर उचित और रोकथाम किया जा सके.
नोडल पदाधिकारी बनाया गया
राज्य में डायन-बिसाही हत्याओं को रोकने के लिए जिलों के एसपी, रेल एसपी को संबंधित जिला का नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. वहीं, सीआईडी (CID) के लिए डीआईजी, सीआईडी को राज्यभर का नोडल पदाधिकारी बनाया गया है.
जिलों के SP को दिया गया निर्देश
राज्य के सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि वह उन सभी संवेदनशील जगहों का चयन कर योग्य और संवेदनशील पदाधिकारियों की उन जगहों पर नियुक्त करें. जिन इलाकों में पूर्व में ऐसी घटनाएं घट चुकी है वहां खास निगरानी रखने का आदेश दिया गया है. साथ ही संबंधित थानेदारों को निर्देश दिया गया है कि उनको किसी घटना पर तत्काल जानकारी जिले के एसपी को दें. इसके बाद एसपी स्तर पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. साथ ही
स्थानीय स्तर पर सूचना जुटाकर वस्तु स्थिति की समीक्षा करें. इसके अलावा जिलों में विशेष शाखा के स्थानीय पदाधिकारियों के साथ ही प्रत्येक माह बैठक कर डायन बिसाही संबंधी सूचना जुटाने और कार्रवाई का आदेश पुलिस मुख्यालय ने दिया है. स्थानीय चौकीदार और एसपीओ को विशेष प्रशिक्षण देने का निर्देश भी दिया गया है.
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लोगो को जागरूक करने की जिम्मेदारी महिला पुलिसकर्मी को
वहीं, इस प्रथा को रोकने के लिए महिला पुलिस कर्मियों को गांव-गांव में जागरूकता फैलाने के लिए आदेश दिया गया है. इसके लिए दल गठित किया गया है. इसमें महिला आरक्षी और चौकीदारों को भी रखा जाएगा . साथ ही गठित दल के द्वारा ऐसे मामलों में अनुसंधान में भी सहयोग दिया जाएगा. इधर, जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि वे डायन बिसाही मामलों में तत्काल सजा दिलाने के लिए त्वरित न्याय के लिए प्रधान न्यायाधीश से अनुरोध करने और गवाहों को सुरक्षित उपस्थिति कराने के लिए थानेदारों पर जिम्मेदारी सौंप दें.
जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि वे 5 साल से डायन बिसाही के दर्ज मामलों की समीक्षा करेंगे और समीक्षा रिपोर्ट डीआईजी को उपलब्ध कराएंगे. DIG के द्वारा समेकित रिपोर्ट एडीजी, सीआईडी को सौंपी जाएगी और इन मामलों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का भी निर्देश जिलों के एसपी को दिया गया है. इसके लिए सभी जिलों में इसके लिए हेल्पलाइन बनाई जा रही है. इस नंबर को आम लोगों के बीच प्रचारित किया जाएगा.
(इनपुट-मनीष मिश्रा)