मुख्यमंत्री रघुवर दास ने धनबाद से अंधियारे को दूर करने का जो वादा किया है, वो अब पूरा हो रहा है.
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रांची: धनबाद शहर का हर गली मोहल्ला रात को रौशनी से गुलजार रहता है. अब तक शहर में करीब 15 हज़ार स्ट्रीट लाइट्स लगायी जा चुकी हैं और 15 हज़ार और लाइट्स लगाने की योजना है. इतना ही नहीं शहर को सुंदर बनाने की दिशा में भी काम हो रहा है. लोग इस प्रगति को लेकर मुख्यमंत्री रघुवर दास की सराहना करते नहीं थकते. सरकार अगर विकास के प्रति दृढ़ संकल्पित हो तो धरातल पर उसे उतारने में देर नहीं लगती है. यही हुआ है झारखंड के धनबाद शहर में. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने धनबाद से अंधियारे को दूर करने का जो वादा किया है, वो अब पूरा हो रहा है. शहर की गलियां अब रौशनी से जगमग है. हर मोहल्ले में स्ट्रीट लाइट लगायी गयी है, अभी तक करीब 15 हज़ार स्ट्रीट लाइट लगायी जा चुकी है और 15 हज़ार लाइट्स और लगनी है.
14 हजार से ज्यादा नई लाइट्स हर गली-मुहल्ले में लग चुके हैं
धनबाद के मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने कहा, झारखंड सरकार का शुक्रिया अदा करते हैं, जिसने केंद्र सरकार की कंपनी ईईएसएल के साथ एमओयू किया. इस एमओयू की वजह से धनबाद शहर में अबतक 14 हजार से ज्यादा नई लाइट्स हर गली-मुहल्ले में लगा चुके हैं और 15 हजार लाइट्स लगाने की प्रक्रिया चल रही है. सिर्फ लाइट्स ही नहीं लगायी जा रही है, बल्कि हर चौक-चौराहे को सुंदर बनाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है. शहरों की गलियों को और सुंदर बनाने के लिये मुख्यमंत्री रघुवर दास ने करीब 2 करोड़ की राशि का आवंटन किया है. धनबाद के नगर आयुक्त राजीव रंजन ने कहा, 'सड़कों-गलियों और चौक चौराहों पर करीब 15 हजार स्ट्रीट लाइट्स लगाई जा चुकी है....हम सभी चौक चौराहों के सौंदर्यीकरण का भी प्लान बना रहे हैं.'
आम लोगों में जबरदस्त खुशी
रघुवर सरकार की इस पहल से आम लोगों में जबरदस्त खुशी है. जनता जनार्दन का कहना है कि, मुख्यमंत्री की मजबूत इच्छा शक्ति की बदौलत ही अंधेरा से उनलोगों को छूटकारा मिला है. स्थानीय निवासी ने कहा, 'झारखंड में जब से रघुवर सरकार आई है. शहर के चौक-चौराहों पर स्ट्रीट लाइट समेत कई सुविधाएं मिल रही है. चारों तरफ लगाए गए स्ट्रीट लाइट्स से अब पता ही नहीं चलता है कि धनबाद में कभी अंधेरा था.'
मुख्यमंत्री का पद ग्रहण करने के साथ ही रघुवर दास ने झारखंड के संपूर्ण विकास का वादा किया था. अपने उस वादे को पूरा करने के लिये वो दिन रात मेहनत कर रहे हैं और उसी का नतीजा है कि, आज धनबाद जैसे कई शहरों से अंधियारा दूर हो चुका है.
(Exclusive फीचर)