Gumla News: बिशुनपुर में प्रकृति पर्व सरहुल धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
Bihar News: लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबी शोभायात्रा शामिल लोगों का उत्साह चरम पर था हर पांव सड़कों पर थिरकते नजर आ रहे थे. हर हाथ मांदर व नगाड़ा का मधुर धुन देने में व्यस्त था. लोग एक दूसरे का हाथ पकड़ नाच रहे थे. आदिवासी समाज के लोग पारंपरिक वेशभूषा में थे.
गुमला: सरहुल पूजा समिति बिशुनपुर के अगुवाई में प्रकृति पर्व सरहुल धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. सर्वप्रथम करम टोली गांव स्थित सरना स्थल में बैगा विश्राम उरांव पुजार बुधराम उरांव के द्वारा विधि वक्त पारम्परिक तरीके से मां सरना पूजा की गई. इसके उपरांत समाज के लोगों के बीच सरना फुल एवं प्रसाद का वितरण किया गया. इसके उपरांत सरना स्थल पहुंचे विभिन्न प्रखंड से सैकड़ों की संख्या में खोड़हा शामिल हुए से और शोभायात्रा निकल गया.
बता दें कि लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबी शोभायात्रा शामिल लोगों का उत्साह चरम पर था हर पांव सड़कों पर थिरकते नजर आ रहे थे. हर हाथ मांदर व नगाड़ा का मधुर धुन देने में व्यस्त था. लोग एक दूसरे का हाथ पकड़ नाच रहे थे. आदिवासी समाज के लोग पारंपरिक वेशभूषा में थे. मांदर, ढोल व नगाड़ों की थाप एवं घंटा की गूंज पर थिरक रहे थे. इधर शोभायात्रा मुख्यालय के मुख्य मार्ग होते हुए बिरसा बाग पहुंचा. जहां सभा में तब्दील हो गया.
मुख्य अतिथि स्थानीय लोहरदगा लोकसभा सीट के प्रत्याशी समीर उरांव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरहुल पर्व हमें आपसी-भाईचारे का संदेश देता है. सरहुल पर्व में पहन-पुजार गांव की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. जिस तरह पेड़-पौधे अपने पुराने पत्ते को छोड़ नए पत्ते और हरियाली देती है. ठीक उसी प्रकार सरहुल पर्व भी हमें गांव में सुख-शांति देने का काम करती है. सरहुल महोत्सव हमारी पौराणिक संस्कृति है जरूरत है हमें इसे सजाने की.
उन्होंने कहा राजनीतिक लाभ के कारण कुछ हमारे समाज के हितैषी बनकर लोगों को तरह-तरह के प्रलोभन देकर तोड़ने का काम कर रहे हैं. परंतु उन्हें नजर अंदाज कर हमारी पौराणिक संस्कृति को कायम रखना है. स्थानीय लोगों के द्वारा भी थोड़ा दल की स्वागत के लिए गुड़ चना पानी का व्यवस्था किया गया था वह जुलूस में पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद था.
इनपुट- रणधीर निधि
ये भी पढ़िए- Sasaram News: कांग्रेस प्रत्याशी के बेटे पर लगे दुष्कर्म के आरोप को पीड़िता ने बताया निराधार