निशिकांत दुबे ने थरूर को दिया विशेषाधिकार हनन का नोटिस, जानें क्या है मामला
Bihar News: सांसद निशिकांत दुबे ने नियम 222 का हवाला देते हुए कहा कि एक तरफ कांग्रेस विपक्षी दलों के लोग सदन नहीं चलने दे रहे हैं और दूसरी तरफ संसदीय समिति की बैठक हो रही है.
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Deoghar: गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) संबंधी संसद की स्थायी समिति के प्रमुख शशि थरूर (Shashi tharoor) के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है.
सांसद दुबे ने नियम 222 का हवाला देते हुए कहा कि एक तरफ कांग्रेस विपक्षी दलों के लोग सदन नहीं चलने दे रहे हैं और दूसरी तरफ संसदीय समिति की बैठक हो रही है. दुबे के मुताबिक, उन्होंने कांग्रेस नेता थरूर के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है.
विशेषाधिकार हनन नोटिस के पीछे निशिकांत दुबे का तर्क
गौरतलब है कि मंगलवार को सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति की बैठक हुई थी. इसमें शामिल भाजपा सांसद बैठक आरंभ होने से पहले ही बाहर चले गए थे. उनका दावा था कि इस बैठक के एजेंडे के बारे में उन्हें सूचित नहीं किया गया था. भाजपा सांसदों का कहना था कि जब विपक्ष के हंगामे के कारण संसद की कार्यवाही नहीं चल पा रही है तो फिर संसदीय समिति कैसे अपना काम कर सकती है.
क्या है संसदीय विशेषाधिकार
संसदीय विशेषाधिकार वे विशेष अधिकार हैं जो संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को और समितियों को प्राप्त है. विशेषाधिकार इस दृष्टि से दिए जाते हैं कि संसद के दोनों सदन, उसकी समितियां और सदस्य स्वतंत्र रूप से काम कर सकें. देश में विधानसभा, विधानपरिषद और संसद के सदस्यों के पास कुछ विशेष अधिकार होते हैं, ताकि वे प्रभावी ढंग से अपने कर्तव्यों को पूरा कर सके. जब सदन में इन विशेषाधिकारों का हनन होता है या इन अधिकारों के खिलाफ कोई कार्य किया जाता है, तो उसे विशेषाधिकार हनन कहते हैं. इसकी स्पीकर को की गई लिखित शिकायत को विशेषाधिकार हनन नोटिस कहते हैं.
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