आयोध्या मामला: रविशंकर प्रसाद बोले- 'हमारे पास इतने साक्ष्य कि जरूर जीतेंगे राम मंदिर का केस'
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आयोध्या मामला: रविशंकर प्रसाद बोले- 'हमारे पास इतने साक्ष्य कि जरूर जीतेंगे राम मंदिर का केस'

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में हम जीते हैं. सुप्रीम कोर्ट में बहस चल रही है. इतनी बड़ी संख्या में साक्ष्य मौजूद हैं कि वहां भी अच्छी बहस होगी और यह जीतने का एक विषय बनता है. 

राम मंदिर केस में रविशंकर प्रसाद ने किया सुप्रीम कोर्ट में जीत का दावा. (फाइल फोटो)

पटना : केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बीजेपी विधि प्रकोष्ठ के द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में रविवार को अयोध्या मामले में जीत का दावा किया. उन्होंने कहा कि हमारे पास इतने साक्ष्य हैं कि हम इस केस को सुप्रीम कोर्ट जरूर जीतेंगे. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि से जुड़े मामले में बहस के दौरान मेरे अंदर यही भाव था कि आज देश की सनातन परंपरा के प्रतीक एक कानूनी सिपाही बनने का सौभाग्य मिला है.

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में हम जीते हैं. सुप्रीम कोर्ट में बहस चल रही है. इतनी बड़ी संख्या में साक्ष्य मौजूद हैं कि वहां भी अच्छी बहस होगी और यह जीतने का एक विषय बनता है. यह मैं साक्ष्य के आधार पर बोल रहा हूं. बाकी तो कोर्ट का फैसला होगा वही मान्य होगा. 

अयोध्या मामले पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के बयान के बाद बिहार में राजनीति तेज हो गई है. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) ने बयान को बताया दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.

इस बयान के बाद HAM के राष्ट्रीय प्रवक्ता उपेन्द्र प्रसाद ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि देश के विधि मंत्री ऐसा बयान दें, यह ठीक नहीं है. जब कोई केस न्यायालय में चल रहा हो तो ऐसा बयान नहीं देना चाहिए. कोर्ट का जो फैसला होगा वह सभी को मान्य होगा. उन्होंने रविशंकर प्रसाद के बयान को दुखद बताया.

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वहीं, आरजेडी विधायक राहुल तिवारी ने इस मामले पर कहा कि देश के कानून मंत्री का बयान देना ठीक नहीं है. जब मामला कोर्ट में है तो संवैधानिक पद पर रहते हुए कानून मंत्री को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए.

बीजेपी की सहयोगी पार्टी और बिहार में सत्ताधारी जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि जेडीयू पहले से यह कहती आ रही है कि राम मंदिर का निर्माण कोर्ट के फैसले से या सभी पक्षों के परस्पर सहमति से हो. अब सुनवाई हो रही है. अलग-अलग राजनीतिक दलों के इस मामले में अलग-अलग स्टैंड हो सकते हैं, लेकिन हम न्यायपालिका को सर्वोच्च मानते हैं. सभी को फैसले की प्रतीक्षा करनी चाहिए.