परिजनों के अनुसार, डॉक्टर ने मरीज का रिपोर्ट तक सही ढंग से नहीं देखा. वहीं, जब परिजनों ने मरीज को भर्ती करने की बात कही तो, डॉक्टर ने भर्ती करने से साफ इंकार कर दिया.
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सौरभ शुक्ला, रांची: रांची के रिम्स (RIMS) में कैंसर विभाग में भर्ती होने वाले मरीजों को डॉक्टर भर्ती करने के बजाए उनका भरोसा तोड़ते हुए घर ले जाने की सलाह दे रहे हैं. नतीजन मरीज के परिजन विभाग के बाहर मरीज को लेटाकर खुद को कोसने को मजबूर हैं.
रिम्स के कैंसर विभाग का यह उदासीन रवैया मंगलवार को देखने को मिला. ग्लैंड कैंसर से पीड़ित जमशेदपुर के पोटका क्षेत्र की रहने वाली बबीता सरदार (30 साल) को इलाज के लिए रिम्स के ऑर्कियोलॉजी विभाग लाया गया. यहां इलाज करने के बजाए डॉक्टर ने परिजनों से कह दिया कि मरीज को घर ले जाएं, यह अब ज्यादा दिन नहीं बचेगी.
डॉक्टर ने परिजनों से कहा कि उसके कैंसर का स्तर काफी बढ़ गया है. परिजनों के अनुसार, डॉक्टर ने मरीज का रिपोर्ट तक सही ढंग से नहीं देखा. वहीं, जब परिजनों ने मरीज को भर्ती करने की बात कही तो, डॉक्टर ने भर्ती करने से साफ इंकार कर दिया. इससे परिजन लाचार होकर आर्कियोलॉजी विभाग के बाहर ही गेट के सामने फर्श पर मरीज को लेटाए रखा.
वहीं, मरीज के साथ उसकी दो बहनें, भाई और पिता सभी बेबस होकर साथ पड़े रहे. परिजन रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह के पास भी गए तो उन्होंने ने भी अधीक्षक के पास भेज दिया. देर शाम तक मरीज को भर्ती नहीं किया गया.
इधर, रिम्स निदेशक डॉ डीके सिंह ने कहा कि मामले की जानकारी मुझ तक अभी नहीं पहुंची है. अगर इस संबंध में कोई मामला मेरे संज्ञान में आएगा तो, इस पर कार्रवाई की जाएगी.