CBI कोर्ट में सरेंडर करने के बाद लालू यादव पहुंचे जेल, फौरन RIMS में हुए शिफ्ट
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CBI कोर्ट में सरेंडर करने के बाद लालू यादव पहुंचे जेल, फौरन RIMS में हुए शिफ्ट

झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार लालू यादव ने गुरुवार (30 अगस्त) केंद्रीय जांच ब्यूरो की दो विशेष अदालतों के समक्ष यहां आत्मसमर्पण कर दिया

लालू यादव रिम्स में शिफ्ट किए गए.

रांचीः चारा घोटाले में दोषी करार दिए जा चुके आरजेडी अध्यक्ष एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने अंतरिम जमानत पर विभिन्न बीमारियों का इलाज कराने के बाद झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार गुरुवार (30 अगस्त) केंद्रीय जांच ब्यूरो की दो विशेष अदालतों के समक्ष यहां आत्मसमर्पण कर दिया. इसके बाद अदालतों के आदेश पर उन्हें अपनी सजा काटने के लिए वापस बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया जहां से कारागार के चिकित्सक ने उन्हें उचित इलाज के लिए रिम्स अस्पताल भेज दिया. आत्मसमर्पण के लिए लालू बुधवार को ही रांची पहुंच गए थे.

लालू प्रसाद गुरुवार सुबह लगभग दस बजे चारा घोटाले के मामलों की सुनवाई कर रही सीबीआई की विशेष अदालतों में पहुंचे और उन्होंने बारी-बारी से चाईबासा कोषागार से गबन के मामले में आदेश देने वाली एसएस प्रसाद की अदालत और फिर देवघर एवं दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामलों में फैसला सुनाने वाली एमपी मिश्रा की अदालत में आत्मसमर्पण किया.

दोनों अदालतों ने लालू को न्यायिक हिरासत में लेकर वापस बिरसा मुंडा जेल भेजने के आदेश दिये. लालू के वकीलों ने उन्हें इलाज के लिए रिम्स अस्पताल में भर्ती कराने का अनुरोध किया जिसके बाद अदालतों ने जेल प्रशासन को आरजेडी अध्यक्ष के स्वास्थ्य का उचित ख्याल रखने के निर्देश दिए.

अदालत के आदेश के मद्देनजर लालू प्रसाद को जेल ले जाया गया जहां के चिकित्सक ने उनके स्वास्थ्य जांच एवं उचित इलाज के लिए रिम्स अस्पताल रेफर कर दिया. बाद में आरजेडी नेता को रिम्स ले जाया गया जहां डॉ. उमेश प्रसाद की यूनिट में उनका प्राथमिक स्वास्थ्य जांच किया जा रहा है. इसके बाद न्यायिक हिरासत में उनकी चिकित्सा की जाएगी.

पहले अदालत परिसर में ही लालू प्रसाद के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने बताया था कि जेल के चिकित्सक लालू के स्वास्थ्य की जांच करेंगे और उनकी बीमारियों की जांच के लिए रिम्स के चिकित्सकों का बोर्ड बनाया जा सकता है और इस मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा के आधार पर लालू प्रसाद को जल्द ही वापस रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है.

मामले में झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश और सीबीआई अदालत के आदेश को देखते हुए जेल के अधिकारियों ने तत्काल उन्हें रिम्स भेजना ही उचित समझा.

झारखंड उच्च न्यायालय ने 24 अगस्त को लालू प्रसाद को विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने के आदेश दिये थे. न्यायालय ने लालू को आत्मसमर्पण करने के लिए 30 अगस्त तक की मोहलत दी थी.

इससे पहले, उच्च न्यायालय ने पिछली सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद की चारा घोटाले के देवघर कोषागार समेत सभी तीन मामलों में स्वास्थ्य कारणों से दी गयी अंतरिम जमानत की अवधि को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया था.

न्यायालय ने कहा था कि आवश्यक होने पर अब लालू का यहां रिम्स अस्पताल में इलाज होगा. झारखंड उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए लालू के अधिवक्ताओं की अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने की दलील को 24 अगस्त को अस्वीकार कर दिया था. न्यायालय ने लालू को सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने के निर्देश दिये थे.