पटना: बिहार विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की रणनीति भले ही असफल हो गई हो लेकिन आरजेडी किसी भी हाल में सियासत के खेल में सत्ता पक्ष को खुला मैदान देना नहीं चाहती है. आरजेडी राज्यसभा के लिए भी अलग रणनीति बनाने में जुटी है.
आरजेडी राज्यसभा उपचुनाव में अपना उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रही है. दीगर बात है कि विधानसभा में संख्या बल के द्वारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के प्रत्याशी के रूप में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Modi) का नाम घोषित कर दिया है.
केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के निधन से खाली हुई राज्यसभा सीट से बीजेपी ने सुशील मोदी का नाम तय कर उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में लाने के कयासों पर अपनी मुहर लगा दी है. संख्या बल को देखते हुए सुशील मोदी का चुना जाना भी तय माना जा रहा है. इस रिक्त हुए सीट के लिए तीन दिसंबर तक नामांकन होगा. वहीं 14 दिसंबर को चुनाव होगा.
आरजेडी के सूत्रों का कहना है कि आरजेडी में राज्यसभा के लिए दो नामों की चर्चा तेज है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दिकी को पार्टी राज्यसभा भेजना चाहती है. सिद्दिकी हाल ही में विधानसभा चुनाव हार गए थे. दोनों नेता आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद के विश्वास पात्र माने जाते हैं.
वैसे सूत्र यह भी कह रहे हैं आरजेडी दिग्गज नेताओं के अलावा, अन्य नेता को भी चुनाव मैदान में उतार सकती है, जिससे हारने की स्थिति में आलोचना से बचा जा सके.
वैसे, आरजेडी ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं. संख्या बल के हिसाब से देखा जाए एनडीए का पलड़ा भारी है. एनडीए के पास जहां 125 विधायक हैं वहीं आरजेडी नेतृत्व वाले महागठबंधन के पास 110 विधायक है. दो दिन पूर्व बिहार विधानसभा अध्यक्ष के पद पर भी महागठबंधन ने अपना उम्मीदवार खड़ा किया था, जिसे हार का मुंह देखना पड़ा था.
इधर, बीजेपी के प्रवक्ता मनोज शर्मा कहते हैं, "सुशील कुमार मोदी अनुभवी नेता रहे हैं. बिहार की उन्होंने काफी दिनों तक सेवा दी है अब पार्टी उनके अनुभव को राष्ट्रीय स्तर पर लेना चाहती है. उन्होंने कहा कि विपक्ष लाख कोशिश कर ले, लेकिन उसे कुछ मिलने वाला नहीं है, उनकी हार तय है."
इधर, आरजेडी के एक नेता कहते हैं कि पार्टी इस मामले पर विचार कर रही है.
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के निधन के बाद इस खाली हुई सीट पर लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) पासवान की पत्नी रीना पासवावन को भेजने की मांग की गई थी. बिहार चुनाव में एलजेपी के अकेले चुनाव मैदान में उतर जाने के बाद इस स्थिति में एलजेपी के बदले बीजेपी ने मोदी को भेजने का निर्णय लिया है.
Input:-IANS