RJD ने बिहार सरकार को बताया डेंटिंग-पेंटिंगवाली सरकार, बोली- अब आप जानेवाले हैं
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RJD ने बिहार सरकार को बताया डेंटिंग-पेंटिंगवाली सरकार, बोली- अब आप जानेवाले हैं

 बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन 2019-2020 के बजट पर चर्चा पूरी हो गई. 

 (फोटो साभार - IANS)

पटना (संवाददाता - शैलेंद्र): बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन 2019-2020 के बजट पर चर्चा पूरी हो गई. विपक्ष की ओर से आरजेडी विधायक दल के उपनेता अब्दुलबारी सिद्दीकी ने सरकार पर हमला किया, तो सरकार की ओर से डिप्टी सीएम सह वित्तमंत्री सुशील मोदी ने बजट पर विपक्ष के सवालों का जवाब दिया और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के सदन में नहीं आने को लेकर लालू- राबड़ी परिवार पर निशाना साधा. 

2019-2020 वित्तीय वर्ष का बजट फरवरी में पेश हुआ था, लेकिन लोकसभा चुनाव के चलते उस पर तब चर्चा नहीं हो पाई थी. बजट पर चार घंटे की चर्चा का समय तय किया गया था, जो सोमवार को शुरु हुआ और मंगलवार को पूरा हुआ. इस दौरान बजट की चर्चा में भाग लेते हुए आरजेडी विधायक दल के उपनेता अब्दुल  बारी सिद्दीकी ने सरकार पर बड़ा हमला किया, उन्होंने कहा कि डेंटिंग- पेंटिंग की सरकार चल रही है.

'सरकार को किसने नए विधायक आवास बनाने की राय दी' 
उन्होंने कहा, 'विधायकों के पुराने आवास बेहतर थे, लेकिन उनको तोड़ कर नए आवास बनाए जा रहे हैं. आखिर, इसकी क्या जरूरत थी. पुराने आवास अभी कई दशक तक चलते, लेकिन सरकार को किसने नए विधायक आवास बनाने की राय दी, हम नहीं जानते हैं. कौन विधायक आवास बनाने का ठेकेदार है, उसमें किस तरह का काम हो रहा है. अगर जांच होगी, तो सब सामने आ जाएगा. इसकी जांच होनी चाहिए. 

आरजेडी के उपनेता ने तीन साल के बजट की सरेंडर राशि का जिक्र किया और कहा कि सरकार बजट पर बड़े- बड़े दावे करती है, लेकिन हर साल हजारों करोड़ रुपये सरेंडर होते हैं. बिहार म्यूजियम, इको पार्क और तमाम तरह की इमारतें बनाई जा रही हैं, लेकिन मुजफ्फरपुर में डेढ़ सौ से ज्यादा गरीब बच्चे मर गए. वहां, अस्पताल में आईसीयू नहीं बनाया गया. अगर सरेंडर की गई राशि से आईसीयू बना दिया जाता, तो कई बच्चों की जान बच सकती थी. 

'ऐसे में कैसे सबका विकास हो सकता है'
अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि जब हम सरकार में वित्तमंत्री थे, तो हमने अल्पसंख्यक कल्याण का बजट आठ सौ करोड़ से ज्यादा का रखा था, लेकिन अब सरकार सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की बात करती है, लेकिन अल्पसंख्यक कल्याण का बजट चार सौ करोड़ कर दिया गया है. ऐसे में कैसे सबका विकास हो सकता है, केवल भाषण से विकास नहीं हो सकता है.

उन्होंने कहा कि हमारे समय में हर प्रमंडल में खेलों के लिए स्टेडियम के विकास की बात हुई थी. इसके साथ राजगीर में स्पोर्ट्स कांपलेक्स और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बनाने का प्रस्ताव था. सरकार को राजगीर की बात, तो याद रही, लेकिन प्रमंडल स्तर पर स्टेडियम का विकास भूल गई. 

अब्दुल बारी सिद्दीकी ने अपराध के आकड़ों को सदन के सामने रखा और कहा कि पिछले सालों में अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ रही है, लेकिन सरकार को लगता है कि एक साल में दो लाख से ज्यादा अपराध की घटनाएं होने के बाद भी रामराज्य है, जबकि यह हमारी सरकार थी, तो एक लाख के आसपास घटनाएं होती थीं, तब बिहार की तुलना जंगलराज से की जाती थी. ये आपका मीडिया मैनेजमेंट हैं, लेकिन कब तक मीडिया मैनेज करोगे. मुजफ्फरपुर के मामले में मीडिया ने आपके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, ज्यादा दिन आप ऐसा नहीं कर सकते हैं. 

आरजेडी की ओर से बजट पर चर्चा करते हुये विधायक रामानुज ने शिक्षा को लेकर सरकार पर निशाना साधा. साथ ही मुजफ्फरपुर के चमकी बुखार पर भी सरकार को घेरा, जबकि जदयू विधायक रघुनाथ और वशिष्ठ सिंह ने सरकार की ओर से चलाई जा रही सात निश्चय की योजनाओं का जिक्र किया और कहा कि प्रदेश के गांवों की सूरत बदल रही है. अगर हर घर नल का जल योजना नहीं होती, तो अबकी बार जिस तरह से जलस्तर नीचे गया है, उसमें प्रदेश के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता. माले की ओर से महबूब आलम और कांग्रेस की ओर से अमित कुमार टुन्ना ने बहस में भाग लिया. सरकार के फैसलों पर सवाल खड़े किए. 

दो लाख करोड़ के बजट पर चर्चा पूरी
डिप्टी सीएम सुशील मोदी के भाषण के साथ बिहार विधानसभा में 2019-2020 के बजट पर चर्चा पूरी हो गई. डिप्टी सीएम की ओर से बताया गया कि किस तरह से जबसे एनडीए की सरकार बनी है, तबसे शिक्षा पर दो लाख करोड़ से ज्यादा खर्च किया गया है. इस साल भी शिक्षा पर सबसे ज्यादा 34798 करोड़ खर्च किया जा रहा है, जबकि स्वास्थ्य पर लगभग दस हजार करोड़ खर्च करने का लक्ष्य है. वेतन पर बिहार सरकार 51 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च कर रही है, जबकि पेंशन पर 18757 करोड़ रुपये रखे गये हैं.

डिप्टी सीएम ने कहा कि अब तक हमारी सरकार ने बिजली पर 99625 करोड़ रुपये खर्च किये हैं. हर घर बिजली पहुंच चुकी है. अब इस साल 31 दिसंबर तक हर खेत तक बिजली पहुंचा दी जाएगी. केंद्र और राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं की चर्चा भी डिप्टी सीएम ने अपने भाषण में की और कहा कि अब बिहार में 60 और उससे ज्यादा उम्र के हर व्यक्ति को पेंशन देने का फैसला लिया गया है.  इस मद में तीन हजार करोड़ रुपये रखे गये हैं. 

विशेष राज्य के दर्जे पर विपक्ष का वॉकआउट
विधानसभा में डिप्टी सीएम सुशील मोदी जब सरकार की ओर से जबाव दे रहे थे, तो विपक्ष के सदस्यों ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग शुरू कर दी. देखते ही देखते विपक्षी सदस्य वेल में आ गए और विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे. विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सदस्यों को समझाने की कोशिश की, लेकन वो मानने के लिए तैयार नहीं थे. विपक्षी सदस्यों का कहना था कि सरकार विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर राजनीति कर रही है. अगर वो राजनीति नहीं कर रही, तो इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करनी चाहिए. लगभग 10 मिनट से ज्यादा नारेबाजी करने के बाद विपक्ष के इस मुद्दे को लेकर सदन का बहिष्कार कर दिया.

तेजस्वी के सदन में न आने का मुद्दा उठा
डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने अपने भाषण के दौरान नेता विपक्ष तेजस्वी यादव के सदन में नहीं आने का मामला उठाया और कहा कि हमने 25 साल के संसदीय जीवन में पहली बार देखा है, जब नेता विपक्ष शहर में हैं, वो बजट पर हो रही चर्चा में भाग लेने के लिए सदन में नहीं आए हैं.

उन्होंने कहा कि अगर नेता विपक्ष सदन में आकर बजट पर अपनी राय रखते, तो उन्हें कुछ सुझाव मिलते. डिप्टी सीएम ने कहा कि मुजफ्फरपुर के चमकी बुखार को लेकर पीएम के वहां नहीं जाने और सीएम के देर से जाने की बात उठाई जा रही है, लेकिन क्या विपक्ष के नेता मुजफ्फरपुर गए. अगर अस्पताल नहीं जा सकते थे, तो उन्होंने पीड़ितों के घर जाकर उन्हें सांत्वना देना चाहिए था. विपक्ष के नेता के साथ उपनेता ने भी मुजफ्फरपुर जाकर पीड़ितों का हाल नहीं जाना. डिप्टी सीएम ने कहा कि चमकी पर विपक्ष घड़ियाली आंसू बहा रहा है. 

स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे के मुद्दे पर रुकी कार्यवाही
मंगलवार को दिन में 11 बजे जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई, सदन में विपक्ष के सदस्य स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के इस्तीफे की मांग करने लगे. विपक्षी सदस्य अपनी मांग को लेकर वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सदन को चलाने की कोशिश की. विपक्षी सदस्यों से आग्रह किया कि वो अपनी सीट पर चले जाएं, लेकिन विपक्षी सदस्य लगातार नारेबाजी करते रहे.

संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि विपक्ष सदन का महत्वपूर्ण समय खराब कर रहा है, वो नहीं चाहता है बिहार की जनता के सवाल सदन में आयें. विपक्ष मुजफ्फरपुर की घटना को लेकर संवेदनशील नहीं है, सिर्फ राजनीति करना चाहता है. यही आरोप भाजपा नेता और पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने विपक्ष पर लगाये, जबकि विपक्ष स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग पर अड़ा रहा. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.