भारत माता की जय कहने को लेकर एक बार फिर सियासत नए सिरे से शुरु हो चुकी है. बिहार बीजेपी अध्यक्ष नित्यानंद राय के बयान पर बिहार में सियासी बवाल मच गया है.
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आशुतोष चंद्र, पटना: भारत माता की जय कहने को लेकर एक बार फिर सियासत नए सिरे से शुरु हो चुकी है. बिहार बीजेपी अध्यक्ष नित्यानंद राय के बयान पर बिहार में सियासी बवाल मच गया है. आरजेडी ने कहा है कि बीजेपी संविधान खत्म करने की तैयारी कर रही है. वहीं, बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेडीयू ने ये कहकर बीजेपी को जवाब दे दिया है कि हो सकता है भारत माता की जय नहीं बोलने वाला बोलने वाले से ज्यादा बड़ा देशभक्त हो.
भारत माता की जय बोलना जरुरी है या नहीं इसपर बहस लंबे समय से चली आ रही है. लेकिन शनिवार को बिहार बीजेपी अध्यक्ष नित्यानंद राय के बयान ने बहस को नई रफ्तार दे दी है. बीजेपी अध्यक्ष के बयान पर सियासी दलों में तेज प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. आरजेडी ने बीजेपी अध्यक्ष के बयान की आलोचना की है. पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि बीजेपी अध्यक्ष संविधान की नई परिभाषा गढ़ रहे हैं.
संविधान में भारत का एक नागरिक होने के लिए कहीं नहीं लिखा है कि भारत माता की जय बोलना जरुरी है. आरजेडी नेता ने कहा है कि इससे पहले राम मंदिर के मसले पर भी बीजेपी के नेता सुप्रीम कोर्ट पर लगातार हमले करते रहे हैं. और अब नित्यानंद राय का ऐसा बयान सामने आया है. अगर यही हालात रहे तो संविधान खत्म हो जाएगा.
इधर नित्यानंद राय के बयान का समर्थन उनकी सहयोगी पार्टी जेडीयू ने भी नहीं किया है. पार्टी के सीनियर लीडर अशोक चौधरी ने कहा है कि हर एक दल के अपने-अपने विचार होते हैं. प्रेम के लिए प्रेम का इजहार करना जरुरी ही है ऐसा नहीं. भारत माता की जय बोलने वाले से ज्यादा बडा देशभक्त भारत माता की जय नहीं बोलने वाला भी हो सकता. प्रेम को शब्दों में नहीं बांधा जा सकता.
15 दिसंबर से बीजेपी बिहार में चुनावी जनसंपर्क अभियान शुरु करने जा रही है. 15 दिनों तक चलनेवाले अभियान में पार्टी के नेता घर-घर जाकर लोगों को केन्द्र सरकार की सफलताओं के बारे में बताएंगे. लेकिन इसके साथ ही साथ राष्ट्रभक्ति के नजरिये से भी लोगों को मोदी सरकार की अहमियत से भी रुबरु कराएंगे.
बीजेपी अध्यक्ष नित्यानंद राय ने शनिवार को अपने दिए बयान में इसके साफ संकेत दे दिए हैं. लेकिन बड़ा सवाल उनकी सहयोगी पार्टी जेडीयू को लेकर है जो बीजेपी के राष्ट्रभक्ति के पैमाने को मानने को तैयार नहीं.