RJD बैठक में आलाकमान का विधायकों को दो टूक, हर हाल में करें जिलाध्यक्षों को सपोर्ट
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RJD बैठक में आलाकमान का विधायकों को दो टूक, हर हाल में करें जिलाध्यक्षों को सपोर्ट

बैठक में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद समेत पार्टी के लगभग सभी विधायक मौजूद रहे. बैठक में पार्टी के विधायकों को सीधा निर्देश दिया गया कि वो हर हाल में अपने नए जिलाध्यक्षों को सहयोग करें और साथ मिलकर चुनाव की तैयारी में लग जाएं.

आरजेडी बैठक में पार्टी आलाकमान ने विधायकों को दिए सख्त निर्देश, हर हाल में करें जिलाध्यक्षों को सपोर्ट.

पटना: आरजेडी ने अपने संगठन में जातीय आधार पर बदलाव कर दिए हैं. पार्टी की ओर से 50 जिलों के लिए जिलाध्यक्ष और प्रधान महासचिव के नामों की घोषणा कर दी गई है. संगठन में आरजेडी ने अतिपिछड़ों और दलित समाज के लोगों को जिलाध्यक्ष के पद पर 45 फीसदी का आरक्षण दिया है. आरजेडी के इस फैसले से पार्टी के माय समीकरण को सीधा झटका लगा है.

दरअसल, 90 फीसदी जिलों में नए अध्यक्ष और महासचिव बनाए गए हैं. ऐसे में पार्टी ने डैमेज कंट्रोल के लिए शनिवार को सबसे पहले आरजेडी विधायक दल की बैठक बुलाई. बैठक में पार्टी के सभी विधायकों को अपने नए जिलाध्यक्षों को हर हाल में सपोर्ट करने की नसीहत दी गई. साथ ही यह भी निर्देश दिया गया कि नए जिलाध्यक्षों के साथ मिलकर ही उन्हें चुनावी रणभूमि में जाना है. 

ऐसे में बड़े सवाल ए खडे़ हो गए हैं कि क्या पार्टी के विधायक इस बदलाव को लेकर तैयार हैं ? आरजेडी बड़े बदलाव के दौरा से गुजर रही है. पार्टी ने अपने नए जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा कर दी है. इस घोषणा में पार्टी ने आरक्षण रोस्टर का ख्याल रखा है. 45 फीसदी जिलाध्यक्षों के पद अतिपिछडा और एससी एसटी के लिए आरक्षित कर दिए गए हैं. 45 फीसदी पदों में 17 फीसदी पद एससी एसटी के नेताओं को दिया गया है.

बाकी बचे 28 फीसदी पदों पर अतिपिछड़ा समाज के लोगों को जगह दी गई है. इसके अलावा 12-12 जिलों में यादव और मुस्लिम नेताओं को जिले की कमान सौंपी गई है. चुनाव से ठीक पहले हुआ बदलाव विवाद में न बदल जाए इसके लिए पार्टी की ओर से शनिवार को विधायक दल की बैठक बुलाई गई. बैठक की अध्यक्षता तेजस्वी यादव ने की. 

बैठक में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद समेत पार्टी के लगभग सभी विधायक मौजूद रहे. बैठक में पार्टी के विधायकों को सीधा निर्देश दिया गया कि वो हर हाल में अपने नए जिलाध्यक्षों को सहयोग करें और साथ मिलकर चुनाव की तैयारी में लग जाएं.

मीटिंग के बाद आरजेडी अध्यक्ष ने बताया कि पार्टी के सभी विधायक नए बदलाव से खुश हैं. हमने 1990 और 1995 की तर्ज पार्टी का संगठन तैयार किया है. आगे विधानसभा चुनाव में भी इसी समीकरण के तहत हम चुनाव भी लडेंगे. पार्टी के विधायकों को नए जिलाध्यक्षों के साथ मिलकर चुनाव की तैयारी में लगने का निर्देश दिया गया है.

इधर मीडिया से बातचीत के क्रम में भी विधायकों ने संगठन में हुए बदलाव को पॉजिटिव अंदाज में लेने की बात कही है. आरजेडी विधायक भाई वीरेन्द्र ने दावा किया है कि आरजेडी का नया समीकरण नीतीश कुमार के होश उड़ा देगा और यह समीकरण सत्ता बदलाव की बड़ी वजह बनेगा. लेकिन सूत्रों की माने तो आरजेडी संगठन में हुए इस बदलाव से यादव समाज के नेता खुश नहीं हैं.

दरअसल, कई ऐसे जिले थे जहां पहले यादव जाति के जिलाध्यक्ष हुआ करते थे, लेकिन अब वहां अतिपिछड़े समाज के नेता को कमान दे दी गई है. बीते विधान सभा चुनाव में यादव समाज से आनेवाले 42 नेताओं ने चुनाव जीता था. वहीं 11 मुस्लिम समाज के नेता विधायक बने थे. जबकि टिकट बंटवारे में मुस्लिम और यादवों को विशेष तरजीह दी गई थी. लेकिन इस विधानसभा चुनाव से पहले कई विधानसभा क्षेत्रों में आरजेडी संगठन का समीकरण बिलकुल बदल गया है.

ऐसे में पार्टी के सामने समस्या नए जिलाध्यक्षों के साथ अपने विधायकों की ट्यूनिंग बैठाने को लेकर है. यही वजह है कि शनिवार को विधायकों को विशेष दिशा निर्देश देने के बाद पार्टी ने रविवार को अपने नए जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई है.