बिहार: चिराग पासवान को लेकर तेजस्वी ने किया सवाल तो भड़की एलजेपी, दी नसीहत
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बिहार: चिराग पासवान को लेकर तेजस्वी ने किया सवाल तो भड़की एलजेपी, दी नसीहत

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने अपने भाषण के दौरान आरएसएस की चर्चा करते हुए एलजेपी नेता चिराग पासवान का नाम लिया, जो पार्टी विधायक राजू तिवारी को खराब लगा और जब उनके बोलने का समय आया.

तेजस्वी यादव ने अपने भाषण के दौरान आरएसएस की चर्चा करते हुए एलजेपी नेता चिराग पासवान का नाम लिया. (फाइल फोटो)

पटना: बिहार विधानसभा का सोमवार को हुए विशेष सत्र के दौरान एलजेपी के तेवर तल्ख दिखे. विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने अपने भाषण के दौरान आरएसएस की चर्चा करते हुए एलजेपी नेता चिराग पासवान का नाम लिया, जो पार्टी विधायक राजू तिवारी को खराब लगा और जब उनके बोलने का समय आया, तो उन्होंने विपक्ष के नेता को सीधे तौर पर निशाने पर लिया और कहा कि नेता विपक्ष को चिराग पासवान की चिंता नहीं करनी चाहिए.

उन्होंने कहा है कि वो जहां हैं, पूरी तरह से हैं. किसी तरह का कन्फ्यूजन नहीं है. तेजस्वी यादव को खुद को देखना चाहिए. एलजेपी के इस बयान को बीजेपी का समर्थन मिला. तेजस्वी यादव और चिराग पासवान की चर्चा पहले भी बिहार की राजनीति में होती रही है. तेजस्वी यादव खुद को चिराग पासवान से छोटा बताते रहे हैं, लेकिन सोमवार को विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान का नाम एक ऐसे मुद्दे पर ले लिया, जिस पर एलजेपी की ओर से तीखी प्रतिक्रिया दी गई. 

दरअसल, तेजस्वी यादव उन दिनों की याद कर रहे थे, जब वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नायब यानी बिहार के डिप्टी सीएम थे. उनका बताया कि मुख्यमंत्री तब उनसे कहा करते थे, आरएसएस बहुत खतरनाक संगठन है. वो कहीं तक भी जा सकता है. इससे आनेवाले समय में आप लोगों को ही निपटना है. अब चिराग से शायद ऐसी बात कहते होंगे. 
तेजस्वी यादव की ये बात एलजेपी को अच्छी नहीं लगी और जब बिल पर बोलने का मौका एलजेपी नेता और विधायक राजू तिवारी को मिला, तो उन्होंने तेजस्वी यादव को नसीहत देने से भाषण की शुरुआत की और उनको नसीहत देने के साथ भाषण का अंत भी किया. 

उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को खुद को देखना चाहिये. वो विशेष सत्र का समय बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन खुद सदन में मौजूद नहीं रहते हैं. विशेष सत्र में भाग लेने के लिए समय से देर से पहुंचे. पिछले सत्र में तो एक दिन सिर्फ कुछ देर के लिए आये थे, बाकी समय अनुपस्थित ही रहे थे. 

एलजेपी ने जब तेजस्वी पर निशाना साधा, तो आरजेडी के नेताओं को इस पर जवाब नहीं सूझ रहा था, क्योंकि एलजेपी की ओर से जो बातें कहीं गयी थीं. वो सब सच थीं. इस संबंध में आरजेडी के प्रधान महासचिव और पूर्व मंत्री अलोक मेहता ने सधी प्रतिक्रिया दी और कहा कि एलजेपी की ओर से बात रखी गयी है. किसी तरह की कड़ी प्रतिक्रिया नहीं दी गयी है. राजू तिवारी की ओर से जो बात कही गयी है. उसे हम जानते हैं. 

इधर, बीजेपी नेता और बिहार सरकार में मंत्री राणा रणधीर ने एलजेपी के बयान का समर्थन किया और कहा कि विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव सिर्फ मांग करने का काम कर रहे हैं, लेकिन उस पर अमल नहीं करते हैं. पिछले सत्र के दौरान किस तरह से नेता प्रतिपक्ष दूरी बनाये हुये थे. ये सबने देखा. एक माह के सत्र में सिर्फ एक दिन कुछ मिनट के लिए विधानसभा आये थे. उसके बाद चले गये थे. नेता प्रतिपक्ष को मांग करने की जगह पर धरातल पर काम करके दिखाना चाहिये.