पटना: JP सेतु को लेकर BJP सांसदों ने खोला नीतीश कुमार सरकार के खिलाफ मोर्चा
उत्तर बिहार को दक्षिण बिहार से जोड़ने में हाल के दिनों जेपी सेतु की भूमिका बढ़ गयी है. गांधी सेतु की मरम्मत के कारण जेपी सेतु पर वाहनों का बोझ ज्यादा बढ़ गया है.
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पटना: बिहार की राजधानी पटना के दीघा को सोनपुर से जोड़ने वाला जेपी सेतु (JP Setu) इन दिनों सुर्खियों में है. बिहार सरकार के एक फैसले ने जेपी सेतु पर चर्चाओं को तेज कर दिया है. दरअसल, बिहार सरकार ने पटना के आसपास लगने वाली जाम से हो रही समस्या को देखते हुए जेपी सेतु से भी भारी वाहनों के परिचालन को मंजूरी दे दी है. इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसदों ने विरोध कर दिया है.
उत्तर बिहार को दक्षिण बिहार से जोड़ने में हाल के दिनों जेपी सेतु की भूमिका बढ़ गयी है. गांधी सेतु की मरम्मत के कारण जेपी सेतु पर वाहनों का बोझ ज्यादा बढ़ गया है. लेकिन इस सेतु पर छोटे वाहनों का ही परिचालन हुआ करता था.
गांधी सेतु पर भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगने के बाद पटना के आसपास जाम की समस्या होने लगी. मजबूरन बिहार सरकार ने जेपी सेतु पर भारी वाहनों के परिचालन का फैसला ले लिया. 20 नवंबर से भारी वाहनों के परिचालन को मंजूरी दे दी गयी है.
लेकिन बीजेपी के सांसदों ने बिहार सरकार के फैसले का विरोध कर दिया है. छपरा के बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी (Rajiv Pratap Rudy) ने भी संसद में जेपी सेतु पर भारी वाहनों के परिचालन पर आपत्ति जतायी है. वहीं बीजेपी सांसद आरके सिन्हा (RK Sinha) ने भी सरकार के फैसले का विरोध किया है. आरके सिन्हा ने कहा है कि काफी कोशिशों के बाद जेपी सेतु छोटे वाहनों के आने-जाने के लिए बनकर तैयार हुआ है. इस पर भारी वाहन चलाना ठीक नहीं.
आरके सिन्हा ने कहा कि रेलवे के इंजीनियरों ने भी बिहार सरकार के फैसले पर सवाल खड़े किये हैं. सरकार को भारी वाहनों के परिचालन के लिए विकल्प तालाशना ही है तो मनेर से दीघा के बीच नया पुल बनाया जाय. बीजेपी सांसद ने कहा कि इस मामले को लेकर वह खुद सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे और उन्हें सच्चाई से अवगत करायेंगे.
वहीं, कांग्रेस ने बिहार सरकार के फैसले के खिलाफ बीजेपी सांसदों की ओर से मोर्चा खोलने पर आपत्ति जतायी है. कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा है कि जेपी सेतु के नाम पर बीजेपी-जेडीयू नूरा कुस्ती कर रही है. सेतु पर भारी वाहन चले या न चले, इसके लिए दोनों ही सरकार अपने स्तर से एक्सपर्ट की कमिटी बनाकर जांच करवा ले. लेकिन इससे पहले भी जेपी सेतु को भारी वाहनों के परिचालन के लिए सही नहीं मानते हुए फैसले पर रोक लगायी गयी थी. लेकिन दवाब में आकर बिहार सरकार कहीं जेपी सेतु का हाल गांधी सेतु की ही तरह न कर दे.
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