RLSP के आनंद माधव का बिहार सरकार को लेकर बड़ा बयान, बोले- राज्य में बाढ़ एक घोटाला
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RLSP के आनंद माधव का बिहार सरकार को लेकर बड़ा बयान, बोले- राज्य में बाढ़ एक घोटाला

आरएलएसपी के प्रधान महासचिव आनंद माधव ने बिहार में बाढ़ को लेकर बन रही स्थिति पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि बिहार हर साल बाढ़ का प्रकोप झेलता है. करोड़ों लोग प्रभावित होते हैं. बड़ी संख्या में जान-माल की क्षति होती है.

 आनंद माधव ने बिहार में बाढ़ को लेकर बन रही स्थिति पर बड़ा बयान दिया है.(फाइल फोटो)

पटना: आरएलएसपी के प्रधान महासचिव आनंद माधव ने बिहार में बाढ़ को लेकर बन रही स्थिति पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि बिहार हर साल बाढ़ का प्रकोप झेलता है. करोड़ों लोग प्रभावित होते हैं. बड़ी संख्या में जान-माल की क्षति होती है. फसल तक बाढ़ की वजह से बरबाद हो जाता है. देखा जाए तो एक तरह से बाढ़ बिहार में सालाना त्रासदी बन चुकी है, जो हर साल आती ही है. 

66 साल भी क्यों बाढ़ झेल रहा बिहार
उन्होंने कहा कि हर साल की तरह इस साल भी बिहार में बाढ़ ने दस्तक दे दे है. पिछले करीब 1 हफ़्तो से लगातार हो रही बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं. नेपाल से सटे सीमावर्ती जिलों में हाहाकार मचा हुआ है. कहां तो 15 साल के अंदर बाढ़ रोक देने की बात कही गई थी, वहीं आज 66 साल बाद भी बिहार लगभग हर साल बाढ़ की विभीषिका झेल रहा है. बिहार में बाढ़ तभी आती है जब नदियों का जलस्तर बढ़ने लगता है और तेज बहाव के कारण तटबंध टूटने लगते हैं. बीते 66 सालों के दरम्यान कई बार ऐसी भी बाढ़ आई है जो सबकुछ बहा ले गई.

बिहार सरकार की योजनाएं सुपर फ्लॉप
बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए आनंद माधव ने कहा है कि की सारी परियोजनाएं सुपर फ्लॉप साबित हुई हैं. पिछले कुछ सालों के दौरान कई परियोजना के अंतर्गत बड़े कामों को देखें तो कई योजनाएं बनायी गईं लेकिन सफल नहीं हुई. 

पहली योजना में मिला था 220 मिलियन फंड
आनंद माधव ने कहा है कि पहली योजना बाढ़ राहत और पुनर्वास की थी. जिसके तहत विश्व बैंक से 220 मिलियन अमरीकी डॉलर का फंड मिला था. उससे तटबंधों के किनारे रहने वाले बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए पक्का घर बनाए जाने थे और ज़मीन देनी थी. कुल दो लाख 76 हज़ार लोगों को चिह्नित किया गया था जिनके मकान बनने थे. लेकिन आज भी हालात जस के तस हैं. 

हर साल होता है फंड पास
लगभग हर साल इस मद में फंड पास होता है, एस्टीमेट बनता है, लेकिन काम क्या होता है?? सरकार के तमाम दावों के बावजूद भी हालात जस के तस हैं.यदि तटबंधों का मरम्मत और बाढ़ से निपटने की तैयारियां पहले कर ली जाए तो फिर वो टूटेंगे कैसे??

जनता की कमाई का पैसा खा रही सरकार
आनंद माधव ने कहा है कि अभी तक बिहार सरकार बाढ़ नियंत्रित करने के लिए जितनी भी योजनाएं लाई है वहां घोटाला ही घोटाला नजर आता है. ऐसा लगता है मानो बाढ़ बिहार के लोगों की नियति बन चुकी हो. स्पष्ट है कि बिहार में परियोजनाएं के नाम पर बेहिसाब पैसा ख़र्च हुआ है. अभी भी हो रहा है. लेकिन इससे भी बड़ा दुर्भाग्य यह है कि जिन कामों के लिए पैसा ख़र्च किया गया वो आज तक नहीं हो पाए. लेकिन ये पैसे कहां जाते हैं? ''बचाव के नाम पर जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा सरकार खा रही है इसकी जांच होनी चाहिए और हर साल जो पैसा खर्च हुआ है उसका हिसाब जनता के बीच जाना चाहिए.