शिवानंद के बयान पर जारी बवाल, कांग्रेस नेता ने आलाकमान से RJD से नाता तोड़ने की अपील की
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शिवानंद के बयान पर जारी बवाल, कांग्रेस नेता ने आलाकमान से RJD से नाता तोड़ने की अपील की

आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि सोनिया गांधी से मेरी अपील है कि जिस तरह प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़ आपने कांग्रेस को बचाया, आज उससे ज्यादा अहम है कि आप पुत्र मोह त्यागकर देश मे लोकतंत्र को बचाने के लिए आगे बढ़ें.

शिवानंद के बयान पर जारी बवाल, कांग्रेस नेता ने आलाकमान से RJD से नाता तोड़ने की अपील की.

पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से ही आरजेडी और कांग्रेस के बीच अंदरूनी विवाद बढ़ते ही जा रहे हैं. आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानन्द तिवारी ने कांग्रेस को लेकर विस्फोटक बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की हालत बिना पतवार नाव जैसी हो गई है. कांग्रेस का अब कोई खेवनहार नहीं. राहुल गांधी में अब लोगों को उत्साहित करने की क्षमता नहीं रह गई है.

उन्होंने कहा कि जनता की बात छोड़ दें उनकी पार्टी के ही लोग उनपर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं. लोग अब कांग्रेस से मुंह मोड़ रहे हैं. वही, सोनिया गांधी कामचलाऊ अध्यक्ष के रूप में पार्टी खींच रहीं हैं. सोनिया गांधी के सामने आज बड़ा सवाल है, पार्टी या पुत्र.

आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि सोनिया गांधी से मेरी अपील है कि जिस तरह प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़ आपने कांग्रेस को बचाया, आज उससे ज्यादा अहम है कि आप पुत्र मोह त्यागकर देश मे लोकतंत्र को बचाने के लिए आगे बढ़ें.

वही, शिवानन्द के बयान से कांग्रेस नाराज हो गई है. कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि शिवानन्द तिवारी को तेजस्वी यादव अविलंब पार्टी से निकालें. समय रहते शिवानन्द का ईलाज जरूरी है. आरजेडी में शिवानन्द जैसे कई और नेता हैं जो स्वभाव से कांग्रेस विरोधी हैं. शिवानंद का बयान बीजेपी के इशारे पर दिया गया बयान है. 

उन्होंने कहा कि अगर आरजेडी ने ऐसे बयानों पर रोक नहीं लगाई तो कांग्रेस के नेता भी अपने सहयोगी दल पर सवाल खड़े कर सकते हैं.

वही इस मामले पर जेडीयू नेता अभिषेक झा ने कहा कि शिवानंद तिवारी ने चिट्ठी लिखकर कांग्रेस नेतृत्व के बहाने आरजेडी नेतृत्व पर भी अटैक किया है और उन्हें चेताया है. शिवानंद तिवारी पुरानी घटनाओं की चर्चा करते हुए "पार्टी या पुत्र" पुत्र या लोकतंत्र" जैसी बातें कर रहे हैं लेकिन लोहिया जी के समाजवाद में तो ऐसा कुछ भी नहीं था. कांग्रेस और आरजेडी जैसी पार्टियां तो परिवारवाद की जनक रही है.

उन्होने कहा कि शिवानंद तिवारी ने चिट्ठी की टाइमिंग भी बहुत सही चुनी है जब बिहार के प्रवासी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जी अपने पिता लालू प्रसाद यादव जी से मिलने रांची जा रहे हैं. कहीं पर निगाहें और कहीं पर निशाना या यूं कह लीजिए शिवानंद तिवारी ने एक तीर से दो शिकार करने की कोशिश की है.

एक तरफ कांग्रेस नेतृत्व को चेताया है कि पुत्र मोह में पार्टी का लोकतंत्र और पार्टी खतरे में है और दूसरी तरफ आरजेडी नेतृत्व को भी यही समझाने की कोशिश की है कि भले ही आरजेडी नेतृत्व को उनकी बात पसंद नहीं आए लेकिन सही यही है कि पुत्र मोह में सब कुछ बर्बाद हो रहा है.

अभिषेक झा ने कहा कि वैसे तो यह महागठबंधन के घटक दलों का आंतरिक मामला है लेकिन एक तीर से दो निशाना लगाने वाले शिवानंद तिवारी को स्थिति और स्पष्ट करनी चाहिए.