बिहार में लागू है शराबबंदी कानून, अब इस गांव में बनाया गया अवैध शराब के लिए सख्त नियम
बिहार सरकार ने भी राज्यभर में शराब के सेवन व बिक्री पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा रखा है. लेकिन लोग अक्सर गैर-कानूनी तरीके अपनाकर शराब का सेवन करने व इसकी बिक्री में शामिल पाए जाते हैं.
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समस्तीपुरः बिहार के समस्तीपुर जिले के सुदूर इलाके में बसे एक गांव ने स्थानीय लोगों पर शराब का सेवन या बिक्री करने पर 51 हजार रुपये जुर्माना लगाने का फैसला किया है. लोगों को नशे से दूर रखने के लिए बिहार सरकार ने भी राज्यभर में शराब के सेवन व बिक्री पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा रखा है. लेकिन लोग अक्सर गैर-कानूनी तरीके अपनाकर शराब का सेवन करने व इसकी बिक्री में शामिल पाए जाते हैं.
समस्तीपुर जिला स्थित वारिसनगर क्षेत्र के भादोघाट गांव के लोगों ने इससे बचने के लिए ही एक सख्त नियम बनाया है. भादोघाट में रहने वाले लोगों के लिए नशा करने और नशीले पदार्थ बेचने के साथ खरीदने वालों पर 51 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है.
भादोघाट के ग्रामीणों ने बताया, "गांव के कई युवा नशे का शिकार होकर अपना भविष्य खराब कर रहे थे. इसके लिए कुछ लोगों ने समाजसेवी सुरेश चौधरी के नेतृत्व में गांव को नशामुक्त बनाने के लिए मुहिम शुरू की. धीरे-धीरे इस अभियान से लोग जुड़ते गए और यह गांव अब नशामुक्ति की ओर बढ़ रहा है."
समाजसेवी सुरेश चौधरी कहते हैं, "ग्रामीणों ने बैठक कर सर्वसम्मति से पूरे गांव को नशामुक्त बनाने का संकल्प लिया है. इसके तहत लोगों खासकर युवा पीढ़ी को किसी भी प्रकार का नशा नहीं करने की शपथ दिलाई गई. इसका सख्ती से पालन करने के लिए जुर्माने का प्रावधान भी किया गया."
चौधरी ने कहा, "ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि गांव का कोई भी व्यक्ति नशा करते, नशे की हालत में और नशीली वस्तुओं की खरीद-बिक्री करते पकड़ा जाता है तो उससे 51 हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा. इसके अलावा ऐसा काम करने करने वाले व्यक्ति को पुलिस के हवाले भी किया जाएगा."
उन्होंने कहा कि जुर्माने की राशि को गांव के विकास कार्यो में खर्च किया जाएगा. चौधरी ने बताया कि गांव के बाहर से नशा करके आने वाले लोगों को भी अब गांव में प्रवेश देने पर रोक लगा दी गई है.
स्थानीय निवासी शशि रंजन चौधरी बताते हैं, "गांव की दुकानों में गुटखा बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. इसके अलावा गांव में किसी त्योहार पर डीजे बजाने पर भी प्रतिबंध है. इन निर्णयों के उल्लंघन करने वालों पर ग्रामीण खुद नजर रख रहे हैं. इसके लिए एक समिति भी बनाई गई है, जिस पर इस निर्णय का सख्ती से लागू करने की जिम्मेदारी है."
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