बिहार चुनाव में कांग्रेस की हार और BJP की जीत के क्या हैं कारण, सदानंद सिंह ने बताई यह वजह...
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बिहार चुनाव में कांग्रेस की हार और BJP की जीत के क्या हैं कारण, सदानंद सिंह ने बताई यह वजह...

सदानंद सिंह ने कहा कि सबसे ज्यादा असर उन योजनाओं का दिखा जिसमें गरीब किसानों के बीच प्रत्येक तीन चार महीने में दो हजार रुपए एकाउंट में चला जाता है और छह हजार रुपए सालाना एकाउंट में चला जाता है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं सदानंद सिंह. (फाइल फोटो)

पटना: बिहार विधानसभा का चुनाव खत्म हो चुका है. लेकिन चुनाव परिणाम को लेकर मंथन का दौर जारी है. खासतौर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चुनाव परिणाम के बाद आत्ममंथन जरुर करते नजर आ रहे हैं. ऐसे नेताओं में सदानंद सिंह भी शामिल हैं.

कांग्रेस के दिग्गज नेता सदानंद सिंह ने इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा. नौ बार विधायक रहे सदानंद सिंह ने खुद की जगह अपने बेटे शुभानंद मुकेश को कहलगांव सीट से चुनाव लडाया. लेकिन उनके बेटे की चुनाव में हार हो गई. आखिर ऐसी क्या वजह हुई कि राहुल गांधी के इलाके में हुए चुनाव प्रचार के बावजूद सदानंद सिंह के बेटे को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा.

सदानंद सिंह से जब इस सवाल का जवाब जानने की कोशिश की गई तो उनका जवाब चौकानेवाला था. सदानंद सिंह ने कहा कि हिंदु वोट का पोलराईजेशन द्वारा बीजेपी किया गया. लेकिन मैं जितना वोट लाता था उससे 11 हजार ज्यादा वोट मेरा बेटा लेकर आया. मेरे बेटे का प्रतिद्वंदी उम्मीदवार बीजेपी का था और धनबल का उसने खूब इस्तेमाल किया. हमलोगों से कुछ चूक जरुर हुई है.

सदानंद सिंह ने कहा कि सबसे ज्यादा असर उन योजनाओं का दिखा जिसमें गरीब किसानों के बीच प्रत्येक तीन चार महीने में दो हजार रुपए एकाउंट में चला जाता है और छह हजार रुपए सालाना एकाउंट में चला जाता है. कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान लोगों को जो मुफ्त राशन मिला गरीब उसे भुला नहीं पाया.

कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस को अपने सांगठनिक शक्ति को बढ़ाना होगा. कहां कमियां रह गई उसपर गहन विचार करना होगा. पार्टी को मजबूत धरातल पर खड़ा करना होगा. कांग्रेस ही देश में विकल्प बन सकती है. चार पांच राज्यों में पार्टी के मुख्यमंत्री हैं या कांग्रेस की मिली जुली सरकार है. लेकिन क्यों हम दिन प्रतिदिन कमजोर हो रहे ये समझना होगा. हार की समीक्षा राज्य स्तर पर होनी चाहिए और केन्द्र स्तर पर भी होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि लोग दोनों स्तर पर समीक्षा करें. बिहार में भी हमलोग राष्ट्रीय स्तर की भांति धरातल खोते जा रहे हैं. हमें अपनी शक्ति बढ़ानी होगी. बीजेपी का शक्तिशाली विकल्प बनना होगा. हमारी प्राथमिकता अपने दल को मजबूत करने की होनी चाहिए.