संजय झा का कार्यकाल छह मई 2024 तक, जबकि शर्मा का कार्यकाल छह मई 2020 तक होगा. निर्वाचित होने के बाद बड़ी संख्या में पहुंचे समर्थकों ने दोनों को फूलमाला पहनाकर उनका स्वागत किया और बधाई दी.
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पटना : बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार राज्य योजना परिषद के सदस्य संजय झा और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश महामंत्री राधामोहन शर्मा शुक्रवार को निर्विरोध बिहार विधान परिषद के सदस्य चुन लिए गए.
विधान परिषद की रिक्त हुई दो सीटों पर हुए उपचुनाव में शुक्रवार को नाम वापसी का समय समाप्त होते ही निर्वाचन अधिकारी और विधानसभा के सचिव बटेश्वर नाथ पांडेय ने दोनों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया और जीत का प्रमाण पत्र सौंपा.
संजय झा का कार्यकाल छह मई 2024 तक, जबकि शर्मा का कार्यकाल छह मई 2020 तक होगा. निर्वाचित होने के बाद बड़ी संख्या में पहुंचे समर्थकों ने दोनों को फूलमाला पहनाकर उनका स्वागत किया और बधाई दी.
उल्लेखनीय है कि विधान परिषद सदस्य डॉ. सूरजनंदन प्रसाद और राजद के सैयद खुर्शीद मोहम्मद मोहसिन के निधन के कारण ये दोनों सीटें रिक्त हुई थीं.
संजय झा को पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के कद्दवार नेता अरुण जेटली और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है. लोकसभा चुनाव में उनके दरभंगा से चुनाव लड़ने की चर्चा थी, लेकिन अंतिम समय में सीट बीजेपी के खाते में चली गई थी.
संजय झा का पैत्रिक गांव झंझारपुर लोकसभा के अररिया है. हालाकि शुरुआती दौर से ही उन्होंने दरभंगा को अपना राजनीतिक क्षेत्र चुना. संजय झा मिथिला में अपनी पार्टी का ब्राह्मण चेहरा हैं. आने वाले विधानसभा चुनाव में जेडीयू को ब्राह्मणों के बीच पैठ बनाने में मदद मिलेगी.
संजय झा ने बीजेपी से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. वह अरुण जेटली के करीबी माने जाते हैं. साथ ही वह बीजेपी और जेडीयू के बीच सेतु का काम भी करते हैं. पहली बार उन्हें 2005 में राज्यपाल के द्वारा एमएलएसी मनोनित किया गया था.
वहीं, बीजेपी ने जहानाबाद के पिंजौर गांव के रहने वाले राधामोहन शर्मा को उम्मीदवार बनाया है. यह सीमांचल के सभी लोकसभा क्षेत्र के साथ भागलपुर में चुनाव प्रचार अभियान देख रहे थे. इन्होंने एबीवीपी से अपना राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी.
(एजेंसी इनपुट के साथ)