Chapra Madrasa Bomb Blast Case: क्या आतंकी ट्रेनिंग सेंटर के रूप में कार्य कर रहे मदरसे, इस हादसे के बाद खड़े हो रहे कई सवाल
Bihar News: एसपी गौरव मंगलम बताया कि चुनाव के मद्देनजर बम विस्फोट के इस मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और जो भी तथ्य सामने आएंगे उन पर कड़ी नजर रखी जा रही है. गढ़वा थाना क्षेत्र के मोतिराजपुर गांव में बुधवार की शाम मदरसा परिसर में धमाके की आवाज के साथ अचानक विस्फोट हो गया. धमाके की आवाज सुनकर वहां आसपास के लोग जुट गए.
छपरा: मोतिराजपुर में मदरसे में बम धमाके के बाद कई सवाल उठने लगे है. कई लोगों का कहना है कि मदरसे का इस्तेमाल आतंकी ट्रेनिंग सेंटर के रूप में किया जा रहा है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बताया कि मोतीराजपुर में अवैध रूप से मदरसा चल रहा है, दारुल उलूम बरकतिया गुलशन ए बगदाद में बम बनाते समय धमाका हो गया. बम बनाते समय धमाका हुआ है या बन बनाना सीखने के दौरान धमाका हुआ है अभी इसकी जांच जारी है. मदरसे में 15 बच्चे थे जिसमें 14 गायब कर दिए गए हैं और यह सभी कटिहार के रहने वाले हैं.
एसपी गौरव मंगलम बताया कि चुनाव के मद्देनजर बम विस्फोट के इस मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और जो भी तथ्य सामने आएंगे उन पर कड़ी नजर रखी जा रही है. गढ़वा थाना क्षेत्र के मोतिराजपुर गांव में बुधवार की शाम मदरसा परिसर में धमाके की आवाज के साथ अचानक विस्फोट हो गया. धमाके की आवाज सुनकर वहां आसपास के लोग जुट गए. बताया गया कि इस घटना में मदरसा में रह रहे मढ़ौरा थाना क्षेत्र के ओल्हनपुर गांव निवासी मौलाना इमामुद्दीन के साथ एक 10 वर्षीय बालक गंभीर रूप से घायल हो गया. मौलाना की मौत अस्पताल ले जाते वक्त हो गयी, घायल बालक मुजफ्फरपुर निवासी नूर आलम इस मदरसा में रहकर पढ़ाई कर रहा था. घटना की सूचना मिलने पुलिस टीम के वहां पहुंचने से पूर्व वहां मौके पर पहुंचे लोग दोनों घायल को गाड़ी में लादकर कहीं लेकर भाग गए. देर रात पहुंचे पुलिस के अधिकारी और एसएफएल की टीम और मदरसा में पुलिस को नियुक्त कर दिया गया, मौलाना के मौत से कई अनसुलझे रहस्य ही रह गए. इस मामले में भाजपा नेता नितिन नवीन और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने इस घटना पर दुख जाहिर करते हुए NIA से इसकी जांच कराने की मांग की है.
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि 30 से 40 बच्चे पढ़ते थें, लेकिन इन दिनों मात्र 4 पांच बच्चे ही थे और बाहर में बम धमाका हुआ है. बम मदरसा में बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी या बम कैसे आया इसका जवाब किसी के पास नहीं है. सवाल बड़ा यह कि क्या गरखा में चलता था आतंक का पाठशाला, कारण स्थानीय लोग भी यह कह रहे बाहर में बम फटा है तो आखिर जब बम बच्चें के सामने बन रहा था तो कही उन्हें इसकी तालीम तो नहीं दी जा रही थी.
इनपुट- राकेश कुमार सिंह