मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले को लेकर SC में सुनवाई कल, CBI पर केस हल्का करने का आरोप
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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले को लेकर SC में सुनवाई कल, CBI पर केस हल्का करने का आरोप

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ मामले की सुनवाई करेगी. 

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में कल होगी सुनावाई. (फाइल फोटो)

नई दिल्लीः मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ मामले की सुनवाई करेगी. पिछली सुनवाई में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बड़े लोगों को बचाने के आरोप को गलत बताया था. याचिकाकर्ता का आरोप है कि सीबीआई ने शेल्टर होम आने वाले लोगों की जांच नहीं की. 

सीबीआई ने कहा था कि कुछ लोगों पर चार्जशीट दाखिल की है और पूरक चार्जशीट भी दाखिल करेंगे. सीबीआई ने बताया था कि मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर और उसके सहयोगियों ने कथित रूप से 11 लड़कियों की हत्या कर दी थी और कब्रगाह से हड्डियों का बंडल बरामद किया गया है. ऐसे में हत्या की जांच चल रही है. 

दरअसल, याचिकाकर्ता निवेदिता झा ने सुप्रीम कोर्ट नई अर्जी दायर कर सीबीआई पर आरोप लगाया है कि सीबीआई ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में 14 आरोपियों के खिलाफ जो चार्जशीट दायर की थी, वो बेहद हल्की धाराओं में दायर की थी. अर्जी में कहा गया है कि चार्जशीट में इन आरोपियों पर रेप और हत्या की धाराएं लगाई नहीं गई हैं. याचिकाकर्ता ने मामले में सुप्रीम कोर्ट के दखल और उचित आदेश जारी करने की मांग की है. याचिकाकर्ता ने कहा है कि बिहार पुलिस द्वारा मामले की सही से जांच न करने के कारण ही जांच सीबीआई को ट्रांसफर की गई थी, लेकिन अब सीबीआई भी कुछ वैसा ही रवैया जांच के प्रति अपना रही है. इसलिए मामले में सुप्रीम कोर्ट को दखल देना चाहिए.

पिछली सुनवाई में ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह सीबीआई को औपचारिक नोटिस जारी करेगी और जांच एजेंसी चार सप्ताह में अपना जवाब सौंपेगी. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील शोएब आलम और फौजिया शकील ने पीठ से कहा था कि सीबीआई ने मामले में बड़ी साजिश के बारे में उचित तरीके से जांच नहीं की है. आरोपितों के खिलाफ कानून के कड़े प्रावधानों के तहत आरोप पत्र दाखिल नहीं किया है. 

कोर्ट ने पूछा था कि क्या हम CBI को सुने बिना ही निर्देश दे दें? सीबीआई की ओर से पेश अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट से कहा था कि एजेंसी अपना जवाब सौंप चुकी है. जिसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 6 मई के लिए तय कर दी थी. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 7 फरवरी को मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले की सुनवाई दिल्ली की साकेत कोर्ट के विशेष पॉक्सो अदालत में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बिहार शेल्टर होम के सभी मामले की जांच सीबीआई को सौंप दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने साकेत कोर्ट से 6 महीने में ट्रायल पूरा करने का निर्देश दिया था.

गौरतलब है कि पिछले जुलाई महीने में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में सरकारी सहायता प्राप्त एक शेल्टर होम में 16 बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले ने सूबे सहित पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. पीड़ित बच्चियों ने अपने एक साथी की हत्या कर शव को परिसर में दफनाने का आरोप भी लगाया था. इसी साल मई में टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के सोशल ऑडिट के दौरान मामले का खुलासा हुआ था. इसके बाद पुलिस की जांच में यह सामने आया था कि शेल्‍टर होम से छह लड़कियां गायब हुई हैं. पुलिस पूछताछ में पीड़िताओं ने यह जानकारी दी. बताया जा रहा है कि वर्ष 2013 से 2018 के बीच ये लड़कियां गायब हुई हैं. इसके बाद राज्य के समाज कल्याण विभाग ने पिछले महीने प्राथमिकी दर्ज की। मामले में दस लोगों की गिरफ्तारी हुई.सोशल ऑडिट में यह सामने आया था कि वर्ष 2013 से 2018 के बीच शेल्टर होम से 6 लड़कियां गायब हुई हैं.हालांकि, इन लड़कियों के गायब होने का कोई पुलिस रेकॉर्ड नहीं है.