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पटना : बिहार में चल रहे सियासी उठापटक के बीच विधानसभा के अध्यक्ष ने जहां बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल की बैठक भी होने वाली है। इस बीच, मांझी खेमे ने जनता दल (युनाइटेड) के विधायकों को व्हिप जारी कर 20 फरवरी को होने वाले विश्वास मत के दौरान मुख्यमंत्री के पक्ष में मतदान करने के लिए कहा है।
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी द्वारा कुछ दिन पहले ही घोषित जद (यू) के मुख्य सचेतक राजीव रंजन ने अपने दल के सभी विधायकों को 20 फरवरी को विधानसभा में उपस्थित रहने तथा विश्वास मत के दौरान मांझी सरकार के पक्ष में मतदान करने के लिए व्हिप जारी किया है।
इधर, विधानसभा सचिवालय के अनुसार, विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने बजट सत्र से पहले बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। विधानसभा अध्यक्ष ने इससे पहले भी सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसका भाजपा ने बहिष्कार कर दिया था। इस बीच, भाजपा ने भी अपने विधायक दल की बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की रणनीति पर विधायकों से विचार किया जाएगा। विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता और भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने बताया कि भाजपा विधायक दल की बैठक में 20 फरवरी की रणनीति पर विचार किया जाएगा। भाजपा की इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि इस बैठक में मांझी सरकार को समर्थन देने के मामले में भाजपा कोई अहम फैसला ले सकती है।
इधर, मुख्यमंत्री मांझी ने भी बुधवार को मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई है। हालांकि बैठक के एजेंडे की अब तक घोषणा नहीं की गई है। इधर, जद (यू) ने मंगलवार को बडा फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री मांझी मंत्रिमंडल में शामिल जद (यू) के सात मंत्रियों को पार्टी से निलंबित कर दिया है। जद (यू) के महासचिव के सी त्यागी ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने अनुशासनहीनता के आरोप में मांझी मंत्रिमंडल के सात मंत्रियों को पार्टी से निलंबित कर दिया है। उन्होंने बताया कि निलंबित होने वाले मंत्रियों में नरेन्द्र सिंह, वृषिण पटेल, भीम सिंह, महाचन्द्र प्रसाद, सम्राट चैधरी, नीतीश मिश्रा और शाहिद अली खान शामिल हैं। जद (यू) के प्रदेष अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने पूर्व में मांझी मंत्रिमंडल में शामिल जद (यू) के मंत्रियों को पत्र लिखकर इस्तीफा देने के लिए कहा था, लेकिन मंत्रियों ने इस्तीफा नहीं दिया। इसी के बाद प्रदेश अध्यक्ष ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को इनके खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की थी। जद (यू) मांझी को पहले ही पार्टी से निष्कासित कर चुका है।
उल्लेखनीय है कि राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने मांझी को 20 फरवरी को सदन में बहुमत साबित करने का निर्देश दिया है। इसी दिन से विधानसभा का बजट सत्र भी शुरू होगा। इधर, सोमवार को पटना उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जीतन राम मांझी सरकार को नीतिगत फैसला लेने से रोक दिया है, जिसे मांझी के लिए झटका माना जा रहा है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री व जद (यू) विधायक दल के नवनिर्वाचित नेता नीतीश कुमार का खेमा अब भी 130 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहा है। बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान समय में 10 सीटें रिक्त हैं। बहुमत साबित करने के लिए किसी भी पक्ष को 117 विधायको की आवश्यकता है। मौजूदा विधानसभा में जद (यू) के 111, भाजपा के 87, कांग्रेस के पांच, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के 24, निर्दलीय पांच तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के एक सदस्य हैं।