पटना नगर निगम की मेयर बनी रहेंगी सीता साहू, अविश्वास प्रस्ताव खारिज
Advertisement

पटना नगर निगम की मेयर बनी रहेंगी सीता साहू, अविश्वास प्रस्ताव खारिज

26 पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लाए थे लेकिन अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में सिर्फ 2 वोट पड़े.

पटना नगर निगम की मेयर बनी रहेंगी सीता साहू, अविश्वास प्रस्ताव खारिज

पटना: पटना नगर निगम में पिछले 15 दिनों से चल रहा शह और मात का खेल बुधवार को खत्म हो गया. मेयर सीता साहू के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव बुधवार को खारिज हो गया. 

बता दें पटना नगर निगम में पिछले दो साल से मेयर और डिप्टी मेयर में शीत युद्ध चल रहा था. इसी क्रम में 25 जून को डिप्टी मेयर विनय कुमार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था और जिसके बाद विनय कुमार को उपमहापौर से इस्तीफा देना पड़ा. जिसके बाद 29 जून को 26 पार्षदों ने मेयर सीता साहू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की चिट्ठी लिखी जिस पर बुधवार को चर्चा और वोटिंग हुई. सीता साहू के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया.

सीता साहू ने कहा कि वो सिर्फ निगम के विकास के लिए वोट करेंगी. मेयर सीता साहू ने अपने ऊपर लगे आरोपों का भी खंडन किया.लेकिन अविश्वास प्रस्ताव का पूरा मामला इतना सरल नहीं है.

दरअसल 26 पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लाए थे लेकिन अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में सिर्फ 2 वोट पड़े. ऐसे में सवाल ये है 29 जून को जो 26 पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लाए उन्होंने सीता साहू के खिलाफ वोट क्यों नहीं किया.

सीता साहू के विरोधी समझे जाने वाले पटना के पूर्व उपमहापौर विनय कुमार पप्पू वोटिंग के दौरान मौजूद नहीं रहे. वोटिंग के दौरान उनकी गैरमौजूदगी पर सीता साहू के समर्थकों ने सवाल खड़ा किया.

निगम के जानकारों के मुताबिक, पूर्व डिप्टी मेयर की कोशिश थी कि किसी पार्षद का नाम उपमहापौर के रूप में घोषित होने के बाद मेयर गुट को तोड़ा जा सके और अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सके. लेकिन एक बार फिर मेयर गुट की चाल से डिप्टी मेयर विनय कुमार पप्पू की मंशा पर पानी फेर गया. कहा ये भी जा रहा है कि टूट से बचने के लिए मेयर गुट अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया और इस राजनीति में मेयर गुट सफल रहा.