झारखंड: कोरोना को लेकर गंभीर सोरेन सरकार, 14 अप्रैल तक बंद रहेंगे सभी स्कूल-कॉलेज
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झारखंड: कोरोना को लेकर गंभीर सोरेन सरकार, 14 अप्रैल तक बंद रहेंगे सभी स्कूल-कॉलेज

मुख्यमंत्री सोरेन ने बताया कि सभी पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के उपरांत कई निर्णय लिए गए हैं. राज्य के सभी स्कूल-कॉलेज बंद रखे जा रहे हैं. इसके अलावा जहां भी अधिक से अधिक लोग इकठ्ठा होते हैं फिर चाहे वह मल्टीप्लेक्स हो या कोई भी सार्वजनिक जगह, सभी को बंद रखने का आदेश दिया गया है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों संग समीक्षा बैठक के बाद किया ऐलान, 14 अप्रैल तक बंद रहेंगे सभी स्कूल-कॉलेज.

रांची: राज्य में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रेस कॉन्फ़्रेन्स कर कहा कि मौजूदा पूरे दुनिया एक संक्रमण के दौर से गुजर रही है. कोरोना हमारे राज्य में भी प्रवेश न कर जाए, इसके लिए उससे बचने के उपाय करने जरूरी हैं. इसको लेकर राज्य सरकार ने समीक्षा बैठक में यह फैसला किया है कि 14 अप्रैल तक सभी स्कूल-कॉलेज बंद रखे जाएंगे. 

मुख्यमंत्री सोरेन ने बताया कि सभी पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के उपरांत कई निर्णय लिए गए हैं. राज्य के सभी स्कूल-कॉलेज बंद रखे जा रहे हैं. इसके अलावा जहां भी अधिक से अधिक लोग इकठ्ठा होते हैं फिर चाहे वह मल्टीप्लेक्स हो या कोई भी सार्वजनिक जगह, सभी को बंद रखने का आदेश दिया गया है.

कई संस्थाओं को बंद करने निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों की छुट्टी का भी निर्देश जारी किया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस दौरान किसी भी कर्मचारी की तनख्वाह नहीं काटेगी. यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के सभी जिलों में लैब की व्यवस्था भी की जाएगी ताकि जांच में कोई भी परेशानी न आए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया गया है कि वह कोरोना को लेकर अपनी तैयारियां पूरी रखें. इस समस्या से निजात पाने के लिए और जरूरी बचाव के उपायों के लिए राज्य सरकार ने दो सौ करोड़ का फंड निर्धारित किया है. राज्य के चिड़ियाघर, मल्टीप्लेक्स, और स्वीमिंग पुल तक बंद रखे जाएंगे.

इसके अलावा सीएम सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार ने रिम्स सहित राज्य के सभी जिलो में जितने भी अस्पताल हैं, उनमें आइसोलेशन वार्ड तैयार करने का निर्देश जारी किया है. इसके अलावा सभी चिकित्सकों को अच्छे तरीके से प्रशिक्षण दिया जा रहा है कि आखिर किस तरह से सावधानी बरती जाए और क्या व्यवस्थाएं की जाए.

इसके अलावा राज्य भर में तकरीबन 300 अतिरिक्त चिकित्सा पदाधिकारी और मेडिकल स्टाफ को तैनात किया गया है जो संदिग्ध मरीजों की तत्काल जांच की जिम्मेदारी उठाएंगे. इसके अलावा किसी भी तरह के आपदा से निपटने के लिए  चिकित्सा पदाधिकारियों को अतिरिक्त शक्ति भी दी गई है कि वह उससे निपट सकें.

सीएम ने जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने इसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है. उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर झारखंड एपिडेमिक कानून भी बनाया गया है, जिसमें डॉक्टर को अधिकार है किसी के घर जा कर जांच और इलाज कर सकते हैं.