दरभंगा में हवाई यात्रा शुरू होने से खुलने लगे रोजगार के अवसर, परदेश से लौट रहे प्रवासी बिहारी
Advertisement

दरभंगा में हवाई यात्रा शुरू होने से खुलने लगे रोजगार के अवसर, परदेश से लौट रहे प्रवासी बिहारी

जब से दरभंगा एयरपोर्ट से हवाई यात्रा शुरू हुई है तो बीबी बच्चो को लेकर यहां लौट गए. बाहर जो कमाते थे, उसमें से आधा पैसा पढ़ाई में तो आधा पैसा रूम रेंट में चला जाता था. फिर भी किसी तरह अपना पेट पालते थे

दरभंगा में हवाई यात्रा शुरू होने से खुलने लगे रोजगार के अवसर, परदेश से लौट रहे प्रवासी बिहारी.

दरभंगा: बिहार के दरभंगा से हवाई यात्रा शुरू होने के साथ रोजगार का सृजन होना शुरू हो गया है. बिहार से बाहर रहकर अपने व्यवसायिक वाहन चलाने वाले लोग घर लौट रहे हैं. उनका कहना है कि घर में रोजगार पाकर उन्हें बेहद खुशी मिल रही है. परदेश की अपेक्षा आधी भी कमाई हो तो बेहतर है. पूरे परिवार के साथ रहने का आनंद ही अलग है.

दरभंगावासियों ने पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार का साधुवाद किया. उड़ान योजना के अंतर्गत दरभंगा एयरपोर्ट से हवाई यात्रा शुरू होने के साथ, अब यहां पर रोजगार का सृजन होने लगा है. यहां पर प्रदेश से बड़ी संख्या में व्यवसायिक वाहन अपनी गाड़ी को लेकर घर लौट चुके हैं और हवाई यात्रा कर पहुंचे.  यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचकर खुशी-खुशी पूरे परिवार का पेट पाल रहे हैं. इसको लेकर प्रदेश से लौटे इन वाहन स्वामियों में खुशी देखी जा रही है.

इस बाबत घर लौटे एक वाहन स्वामी ने बताया कि 30 साल से वे यहां से 1400 किलोमीटर दूर रहकर अपना गाड़ी चलाया करते थे. जब से दरभंगा एयरपोर्ट से हवाई यात्रा शुरू हुई है तो बीबी बच्चो को लेकर यहां लौट गए. बाहर जो कमाते थे, उसमें से आधा पैसा पढ़ाई में तो आधा पैसा रूम रेंट में चला जाता था. फिर भी किसी तरह अपना पेट पालते थे, लेकिन जब पता चला कि हमारे घर के बगल में एयरपोर्ट चालू हुआ है तो हम लौट आये है. यहां अपनों के बीच बेहद खुश हूं.

दूसरे वाहन स्वामी ने कहा कि हम दिल्ली में रहकर गाड़ी चलाकर गुजारा करते थे. यहां से हवाई यात्रा शुरू होने के बाद घर लौट आये हैं. यहीं पर हमें रोजगार मिल रहा है. वहां की अपेक्षा अगर यहां आधी भी कमाई होगी तो भी हम खुश होंगे. क्योंकि यहां मम्मी और पापा के साथ रह रहा हूं. इसके लिये पीएम एवं सीएम को साधुवाद देते हैं.

वहीं, तीसरे वाहन स्वामी ने पीएम और सीएम को साधुवाद देते हुए कहा कि करीब एक हजार की संख्या में हम लोग बाहर में वाहन चलाया करते थे. उनमें से 500 वाहन स्वामी घर को लौट आए हैं और 500 आने वाले हैं. हमलोगों को यहां रोजगार मिला है और लोगों को भी रोजगार मिलेगा. वहां की अपेक्षा यहां एक तिहाई भी कमाई हो तो यह बेहतर है. क्योंकि यहां अपना सबकुछ है.