नियोजित शिक्षकों की हड़ताल का असर, स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति में आई भारी कमी
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नियोजित शिक्षकों की हड़ताल का असर, स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति में आई भारी कमी

स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों ने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि हम लोग बहुत परेशान हैं. अगले महीने से परीक्षा है. ऐसे में अगर सरकार जल्द से जल्द हड़ताल खत्म करा दे तो हम लोग पढ़ पाएंगे.

स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति में भारी कमी आई है.

दरभंगा: बिहार में नियोजित शिक्षकों के हड़ताल पर जाने से शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गई है. दरभंगा में भी हड़ताल का असर देखने को मिल रहा है. जिले में लगभग 2600 स्कूल हैं, जिसमें 15000 नियोजित शिक्षक-शिक्षिकाएं पदस्थापित हैं, जबकि 12000 शिक्षक हड़ताल पर हैं. हड़ताल के कारण स्कूल में छात्रों की उपस्थिति भी काफी कम हो गई है.

वहीं, जिले के आदर्श मध्य विद्यालय में कुल 200 छात्र-छात्राएं हैं. लेकिन नियोजित शिक्षकों के हड़ताल पर जाने और पढ़ाई प्रभावित होने से केवल 40 छात्र-छात्राएं ही स्कूल आ रहे हैं. नियमित शिक्षकों की तरफ से बमुश्किल दो से तीन क्लास ही हो पा रही हैं. जिसके बाद मिड डे मील खाने के बाद अधिकतम छात्र-छात्राएं अपने घर चले जाते हैं.

इधर, स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों ने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि हम लोग बहुत परेशान हैं. अगले महीने से परीक्षा है. ऐसे में अगर सरकार जल्द से जल्द हड़ताल खत्म करा दे तो हम लोग पढ़ पाएंगे.

वहीं, स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि कैंपस में बीआरसी है और हड़ताली नियोजित शिक्षक यहीं रहते हैं, जिसके कारण जब पठन-पाठन शुरू होता है तो वो लोग आकर पढ़ाई बंद करा देते हैं और इसी के चलते मजबूरी में छात्र-छात्राएं अपने घर चले जाते हैं. प्रिंसिपल ने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर ऐसा ही रहा तो नौनिहालों के भविष्य का क्या होगा.

बता दें कि समान काम, समान वेतन समेत पांच सूत्री मांगों को लेकर प्रदेश में नियोजित शिक्षक 17 फरवरी से हड़ताल पर गए हुए हैं. विधानसभा के बजट सत्र में भी शिक्षकों की हड़ताल का मुद्दा गूंजा, साथ ही सरकार ने भी ठीक परीक्षा से पहले नियोजित शिक्षकों की हड़ताल को गलत बताया है.

हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कह चुके हैं कि सरकार से जितना संभव होगा उतनी वेतन में बढ़ोतरी की जाएगी, लेकिन पहले सभी हड़ताली शिक्षक काम पर लौटें. इन सबके बीच एक बात तो साफ है कि सरकार और शिक्षकों की इस लड़ाई में पिस तो स्कूल के छात्र ही रहे हैं.

(Ravindra Singh, News Desk)